बलिया में अपार आईडी बनाने की रफ्तार हुई धीमी, अब भी वंचित हैं 42.79 प्रतिशत छात्र
बलिया जिले में केंद्र सरकार की अपार आईडी योजना धीमी गति से चल रही है। कुल 6.63 लाख छात्रों में से 42.79% यानी लगभग 2.80 लाख छात्र अभी भी अपार आईडी से ...और पढ़ें

जिले में अपार आईडी बनाने की रफ्तार हुई धीमी।
जागरण संवाददाता, नवानगर (बलिया)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अपार आईडी के निर्माण में बलिया जिला अभी लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले में बड़ी संख्या में छात्र अब भी अपार आईडी से वंचित हैं। आंकड़ों के मुताबिक जिले के कुल 6,63,343 छात्रों में से 3,79,522 छात्रों की ही अपार आईडी बन सकी है, जबकि 2,79,698 छात्रों का पंजीकरण अब तक नहीं हो पाया है। इस तरह जिले में 42.79 प्रतिशत कार्य अब भी लंबित है।
अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्री) छात्र की स्थाई शैक्षणिक पहचान संख्या है। इसके माध्यम से छात्र की पढ़ाई से जुड़ा पूरा शैक्षणिक रिकार्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहता है और आगे की पढ़ाई, प्रवेश तथा छात्रवृत्ति जैसी प्रक्रियाओं में यह उपयोगी सिद्ध होती है।
बेसिक शिक्षा विभाग अंतर्गत कुल 4,03,829 छात्रों में से 2,40,229 की अपार आईडी तैयार हो चुकी है, जबकि 1,61,605 छात्र अब भी पंजीकरण से बाहर हैं। इस वर्ग में 40.51 प्रतिशत कार्य शेष है।
वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग में कुल 2,59,514 छात्रों के सापेक्ष 1,39,293 की ही अपार आईडी बन सकी है। यहां 46.33 प्रतिशत कार्य लंबित बताया जा रहा है।
ब्लॉकवार स्थिति पर नजर डालें तो नगरा, रसड़ा, सीयर, सोहांव, पंदह, गड़वार और नवानगर जैसे प्रमुख ब्लॉकों में हजारों छात्रों की अपार आईडी अब तक नहीं बन पाई है।
नवानगर ब्लाक में कुल 45,649 छात्रों में से 27,952 की ही अपार आईडी बनी है। पंदह व नवानगर ब्लाक के कई विद्यालयों में स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है।

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