सिग्नल सिस्टम अपडेट, नहीं ठिठकेगी ट्रेन
8 -- स्टेशन मास्टर हैं बलिया में तैनात 10 -- प्वाइंट्समैन पास कराते हैं गाड़ियां

नंबर गेम
8 -- स्टेशन मास्टर हैं बलिया में तैनात
10 -- प्वाइंट्समैन पास कराते हैं गाड़ियां
35 -- के आसपास गाड़ियां गुजरती हैं अभी
60 -- के आसपास गाड़ियां थीं लाकडाउन से पहले जागरण संवाददाता, बलिया : पटरी पर सरपट दौड़ती रेलगाड़ी का सफर हर किसी को सुहाना लगता है, लेकिन अचानक यदि गाड़ी रुक जाए तो काफी बड़ा बुरा लगता है। अब ऐसा नहीं होगा। सालिड स्टेट या इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिग व इंटरमीडिएट ब्लाक सिग्नल सिस्टम इस समस्या से निजात दिलाएगा। सेक्शन कैपिसिटी बढ़ गई है। साथ ही वीडीयू यानी वीडियो डिस्प्ले यूनिट की स्थापना कर दी गई है। अब पैनल से छुटकारा मिल गया है, जिसका स्थान डिजिटल स्क्रीन ने ले लिया है। इस सिस्टम से सिग्नल फेल होन के मामलों में भी कमी आएगी।
सागरपाली हाल्ट पर आईबीएस यानी इंटरमीडिएट ब्लाक लगाया गया है। भारतीय रेलवे की यह सबसे एडवांस तकनीक है। वाराणसी मंडल में बलिया पहला स्टेशन है, जहां इसका इस्तेमाल हो रहा है। नई तकनीक के फायदे
- पहले एक सेक्शन यानी बलिया व फेफना के बीच एक गाड़ी ही चलाई जाती थी। जब एक गाड़ी फेफना पहुंच जाती, तब बलिया से दूसरी ट्रेन छोड़ी जाती थी। अब सागरपाली स्टेशन को हाल्ट बनाने के बाद नए सिस्टम के जरिए जोड़ दिया गया है। यहां से गाड़ी के आगे बढ़ते ही बलिया से दूसरी गाड़ी छोड़ दी जाएगी। पहले एक समय पर एक सेक्शन में एक ही गाड़ी चल सकती थी। अब दो गाड़ियां चलाना संभव हो गया है। वीडीयू से स्टेशन की केबिन पर निर्भरता भी खत्म हो गई है। इससे समय के साथ ट्रेनों के परिचालन में भी काफी सहूलियत मिलेगी। नई व्यवस्था से ट्रेनों के परिचालन में सहूलियत होगी। इससे श्रम व समय दोनों की बचत होगी। स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव भी कम होगा।
-शशिकांत तिवारी, स्टेशन मास्टर, रेलवे स्टेशन बलिया
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