भेड़िये ने बरामदे में खेल रहे बच्चे को दबोचा, लगातार हमलों से आक्रोश में ग्रामीण; सीएम योगी ने लिया संज्ञान
बहराइच के कैसरगंज में भेड़ियों का आतंक जारी है। वन विभाग की विफलता से ग्रामीणों में आक्रोश है। देवनाथपुरवा में एक बच्चे पर हमला हुआ जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। वन विभाग द्वारा लगाए गए पुराने जाल को फाड़कर दो भेड़िये भाग गए। मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान में लिया है और उनका दौरा संभावित है। लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीण भयभीत हैं।

संवाद सूत्र, बहराइच/गजाधरपुर। कैसरगंज इलााके में आतंक का पर्याय बने भेड़ियों पर शिकंजा कसने में वन विभाग पूरी तरह नाकाम है। ताबड़तोड़ हो रही घटनाओं से अब ग्रामीणों में आक्राेश पनप रहा है। गुरुवार को फिर देवनाथपुरवा में घर के बरामदे में खेल रहे पांच वर्षीय बालक को भेड़िया उठाकर गन्ने के खेत में भाग निकला।
ग्रामीणाें ने हांका लगाते हुए खेत को घेर लिया तो वह बालक को छोड़कर भाग गया। हमले में गंभीर रूप से जख्मी हुए बालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं, भेड़िये को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा लगाए गए पुराने जाल को फाड़कर दो भेड़िये भाग गए, जिसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। बढ़ते हमले को मुख्यमंत्री ने भी संज्ञान ले लिया है। शनिवार को उनका संभावित दौरा हो सकता है।
फखरपुर ब्लाक के मंझारा तौकली के देवनाथपुरवा गांव निवासी पांच वर्षीय अनिकेश घर के बरामदे में खेल रहा था। बताया जाता है कि दबे पांव पहुंचा भेड़िया बालक का सिर जबड़े में दबोच लिया। परिवारजन के शोर मचाने पर वह बालक को लेकर गन्ने के खेत में घुस गया। चीख-पुरकार सुनकर एकत्र हुए ग्रामीणों ने खेत की घेराबंदी कर ली।
भीड़ देखकर भेड़िया बालक को छोड़कर ग्रामीणों के बीच से भाग गया। खेत के अंदर से बालक को लहूलुहान अवस्था में बरामद किया गया और आनन-फानन में उसे फखरपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया। घटना के बाद से पूरे इलाके में आक्रोश है।
16 दिनों में भेड़िये ने अब तक तीन बच्चों को शिकार बनाया है, जबकि एक लापता है और पांचवां बच्चा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। इसी वर्ष हमले में 17 लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग की लगाई गई 32 टीमें भेड़िये को पकड़ने में नाकाम हैं।
चार जिले के डीएफओ के अलावा 13 जिलों के वनकर्मी भी लगे हुए हैं, लेकिन भेड़िया सभी को छका रहा है। ताबड़तोड़ हुई घटना के बाद अब मुख्यमंत्री का संभावित दौरान भी शनिवार को बताया जा रहा है। इसके लिए इलाके में हेलीपैड बनाए जाने के साथ अन्य जरूरी चीजों का जायजा लिया जा रहा है।
डीएम अक्षय त्रिपाठी, एसपी राम नयन सिंह व सीडीओ मुकेश चंद्र भी घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे और पीड़ित परिवारों से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वन विभाग से नाकामी से नाराज डीएम ने जिम्मेदारों को फटकार लगाई।
पुराना जाल फाड़कर भागे दो भेड़िये
गजाधरपुर में मंझारा तौकली के पूर्व सदगुर की माने तो आतंक का पर्याय बने भेड़िये को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने पुराना जाल लगाया था। इस जाल में दो भेड़िये फंसे भी, लेकिन जाल कमजोर होने के चलते वह उसे फाड़कर भाग गए।
भेड़ियों के भागने का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है। वहीं, लगातार हो रही जनहानि और हमलों के बाद अब वन विभाग की लापरवाह कार्यशैली को देखकर इलाके में आक्रोश पनप रहा है।
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