यूपी के इस जिले में फैला किसका आतंक? पेड़ों पर रात बिताने को मजबूर गांव के लोग, खुले आसमान के नीचे टहल रही मौत!
गजाधरपुर में भेड़िये के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। दस दिनों में दो बच्चों की मौत हो चुकी है और दस से अधिक लोग घायल हैं। वन विभाग की टीमें भेड़िये को पकड़ने में नाकाम रही हैं जिससे ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए पेड़ों पर मचान बनाकर रात गुजारने को मजबूर हैं। प्रशासन की कोशिशें भी अभी तक विफल रही हैं।

जागरण संवाददाता, बहराइच। 10 दिन में भेड़िए के हमले में दो बच्चों की मौत व 10 से अधिक लोग घायल। पकड़ने के लिए वन विभाग की 11 टीमों के हाथ खाली।
पश्चिम बंगाल व भोपाल की स्पेशल बुलाई गई टीम भी नहीं दिखा सकी अपना कोई कारनामा। बढ़ते हमले के बीच डर व दहशत में ग्रामीणों ने अपनी जान बचाने के लिए अब पेड़ पर मचान बनाकर रात गुजारने को मजबूर है।
फखरपुर ब्लाक के मंझारा तौकली इलाके में भेड़िये का आतंक फैला हुआ है। बारिश व काली रात में मचान पर ही रात गुजराने को मजबूर हैं। फूस की झोपड़ी में रात गुजार रहे किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं घने गन्ने के खेतों से बाहर निकलकर भेड़िया उनके परिवार को निवाला न बना लें।
हालात के आगे बेबस हो चुके ग्रामीणों को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन व वन विभाग भरपूर कोशिश भी कर रहा हैं, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लग रही है। ऐसे में मजबूर किसान व ग्रामीण अपनी सुरक्षा के लिए ट्रक्टर ट्रालियों व खेत में लगे पेड़ो पर मचान या झोपड़ी डालकर रात गुजारने को विवश हैं।
दैनिक जागरण टीम ने गांवो के हालात का जायजा लिया तो गांव के बाहर पेड़ पर मचान बनाकर लेटे गांव निवासी मंझारा के बंभरा निवासी चंद्रभान व रामपाल ट्राली पर व बभन्नपुरवा में मचान पर सो रहे तुलसीराम ने बताया कि हर वर्ष बाढ़ कटान जैसी प्राकृतिक आपदा ने तबाह किया है।
इस वर्ष गंगा मैया ने रहम किया तो जंगली जानवरों से परिवार बचाना मुश्किल हो रहा है। रात होते ही ग्रामीणों में दहशत सताने लगती है।
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