बहराइच में मनरेगा में एक कार्य के लिए पांच बार करा लिया 30 लाख का भुगतान, वसूली की तैयारी
बहराइच में मनरेगा कार्यों में 29.75 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक पर एक ही काम का नाम बदलकर पांच बार भुगतान कराने ...और पढ़ें

मनरेगा में एक कार्य के लिए पांच बार करा लिया 30 लाख का भुगतान।
जागरण संवाददाता, बहराइच। मनरेगा में विकास कार्यो के नाम पर सराकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। प्रधान, सचिव और तकनीकि सहायक की मिलीभगत से इस खेल को अंजाम दिया जा रहा है। तालाब का जीर्णोद्धार, मिट्टी पटाई जैसे कार्य में एक ही काम का नाम बदल कर पांच-पांच बार भुगतान कराकर प्रधान, सचिव और तकनीकि सहायक ने 29.75 लाख रुपये का बंदरबांट कर लिया गया। मनरेगा लोकपाल की जांच में इसका खुलासा हुआ है।
मामला विकास खंड जरवल रोड के ग्राम पंचायत मुस्तफाबाद का है। गांव निवासी बिलाल अंसारी की शिकायत पर मनरेगा लोकपाल उमेश तिवारी से शिकायत की थी। जांच में पाया गया कि खडंजा से रमजान के घर तक मिट्टी पटाई का कार्य 2025-26 में कराकर 1,46,412 रुपये का भुगतान निकाया गया।
जबकि इसी कार्य को वर्ष 2022-23 में कराया गया था। इसी तरह छोटी की बाग से खडंजा तक मिट्टी पटाई का फर्जी कार्य दिखाकर 1,39,104 रुपये निकाल लिए।
इसी तरह 10 अन्य मनरेगा के कार्यों में प्रधान, सचिव और तकनीकि सहायक ने सरकारी धनराशि का बंदरबांट किया है। ग्रामीणों को कार्यों के बारे में कोई जानकारी न हो पाए इसके लिए कार्य स्थल पर जिम्मेदारों द्वारा सिटिजन इंफ्रामेशन बोर्ड नहीं लगाया गया, जो कि नियम के विरूद्ध है।
लोकपाल मनरेगा द्वारा स्थलीय निरीक्षण के दौरान जिम्मेदार मौके पर कोई अभिलेख भी नहीं दिखा पाए और न ही अपने बचाव में पक्ष ही दे सके। अब इन तीनों लोगों से समानुपात में सरकारी धनराशि की वसूली कर राजकीय कोष में जमा करने को आदेशित किया गया है।
चंदे के पैसे से मिट्टी पटाई के कार्य पर भी करा लिया भुगतान
प्रधान, सचिव और टीए ने मिलकर ग्रामीणों द्वारा चंदे के पैसे कराए गए मिट्टी पटाई कार्य को भी नहीं छोड़ा और उसका भी फर्जी मस्टररोल जारी कर 1,39,494 रुपये का भुगतान कराकर आपस में बांट लिया। जबकि ग्रामीणों ने 13000 रुपये खर्च कर यह कार्य कराया था।
उक्त गांव में करीब 30 लाख रुपये की वसूली निकली है। फर्जी भुगतान कराया गया। वसूली की संस्तुति करते हुए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। -उमेश तिवारी, लोकपाल मनरेगा, बहराइच।

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