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Lok Sabha Election 2024: भाजपा को इस सीट शिकस्त देने के लिए सपा ने साधा जातीय समीकरण, 35 फीसदी मुस्लिम आबादी पर टिकी नजर

Lok Sabha Election 2024 सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में लगातार दो बार 2014 और 19 की मोदी लहर में कायम भाजपा के वर्चस्व को तोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी को जातीय गोलबंदी का सहारा है। भाजपा के डॉ. आनंद कुमार गोंड के मुकाबले सपा ने यहां से रमेश गौतम को चुनाव मैदान में उतारा है। दोनों उम्मीदवार पहली बार संसदीय चुनाव में किस्मत आजमाएंगे।

By Mukesh Pandey Edited By: Abhishek Pandey Published: Wed, 27 Mar 2024 03:34 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2024 03:34 PM (IST)
भाजपा को इस सीट शिकस्त देने के लिए सपा ने साधा जातीय समीकरण

जागरण संवाददाता, बहराइच। (Lok Sabha Election 2024) सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र में लगातार दो बार 2014 और 19 की मोदी लहर में कायम भाजपा के वर्चस्व को तोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी को जातीय गोलबंदी का सहारा है। भाजपा के डॉ. आनंद कुमार गोंड के मुकाबले सपा ने यहां से रमेश गौतम को चुनाव मैदान में उतारा है। दोनों उम्मीदवार पहली बार संसदीय चुनाव में किस्मत आजमाएंगे।

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सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए विख्यात हिमालय की तलहटी की इस संसदीय क्षेत्र के सुरक्षित होने के बाद 2009 में कांग्रेस के कमल किशोर कमांडो सांसद निर्वाचित हुए थे, जबकि 2014 में भाजपा की सावित्रीबाई फुले एवं 2019 में अक्षयवरलाल गोंड। भाजपा उम्मीदवार डा. आनंद वर्तमान सांसद के अक्षयवर लाल गोंड के पुत्र हैं।

तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा

यहां की पांचों विधानसभाओं में से तीन पर भाजपा एवं एक पर उसके सहयोगी दल का कब्जा है। बहराइच सदर, महसी, बलहा सुरक्षित पर भाजपा के विधायक 2022 में निर्वाचित हैं, जबकि नानपारा से अपनादल (एस) के रामनिवास वर्मा विधायक हैं। केवल एक सीट मटेरा पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। ऐसे में जनाधार की दृष्टि से मजबूत भाजपा को चुनाैती देने के लिए सपा की उम्मीदें जातिगत गोलबंदी पर टिकी हैं।

यहां लगभग 35 फीसदी आबादी मुस्लिम है। पांच फीसदी यादव मतदाता होने के कारण सपा ने अनुसूचित जाति के मतदाताओं में सेंध लगाने के लिए ही बसपा से आए पूर्व विधायक रमेश गौतम को मैदान में उतारा है। यहां ''पीडीए'' पंचायत का आयोजन कर सपा महीनों से पिछड़ों एवं अनुसूचित वर्ग के मतदाताओं में सेंध लगाने में जुटी है, जबकि भाजपा केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों के भरोसे मुतमइन है। बसपा ने अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

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