Bahraich Wolf Attack: भेड़िया प्रभावित गांवों में चौकसी बढ़ी, चप्पे-चप्पे पर निगरानी; पटाखे की धमक से गूंज रहे गांव
Wolf Attack In Bahraich बहराइच में भेड़िए की दहशत बरकरार है। वन विभाग की 16 टीमें लगातार गांवों में कॉम्बिंग कर रही हैं। शाम होते ही गांवों में गोले-पटाखों की आवाज गूंजने लगती हैं। लाउड स्पीकर से जागते रहो का शोर दूर-दूर तक सुनाई देता है। 200 पुलिस व पीएसी के जवान निगरानी में लगाए गए हैं। लोगों की रातें दहशत में बीत रही हैं।
संवाद सूत्र, महसी (बहराइच)। नौ बच्चों समेत 10 लोग शिकार बना चुके भेड़िए ने मंगलवार को हमला नहीं सुनाई पड़ा। खंड विकास अधिकारी हेमंत कुमार यादव ने बताया कि जिलाधिकारी मोनिका रानी के नेतृत्व में 11 जिला स्तरीय अधिकारी गांवों में भ्रमण कर रहे हैं। भेड़िए के हमले को रोकने के लिए पूरी ताकत के साथ निगरानी की जा रही है।
वन विभाग की 16 टीमें लगातार कॉम्बिंग कर रही हैं। शाम होते ही गांवों में गोले पटाखों की आवाज गूंजने लगती है। लाउड स्पीकर से जागते रहो का शोर दूर-दूर तक सुनाई देता है। 200 पुलिस व पीएसी के जवान निगरानी में लगाए गए हैं। ग्रामीण टोलियां बनाकर घूमते नजर आते हैं।
इन प्रयासों के बावजूद ग्रामीणों में भेड़िए को लेकर दहशत है। ग्रामीण रतजगा कर रात बिता रहे हैं। लोकेशन मिलने के बाद भेड़िया चकमा देकर निकल जाता है। फिलहाल बुधवार को भेड़िए की कोई लोकेशन नहीं मिली। भेड़िया प्रभावित गांवों में चौकसी बढ़ गई है।
सजग रहे ग्रामीण तो घटनाओं पर लगेगा अंकुश
प्रभागीय वनाधिकारी अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक, आसपास के जिलों के डीएफओ के साथ पूरा अमला रात दिन निगरानी में जुटा है। सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। गांवों में कैंप कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। चार भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। दो अन्य पकड़ लिए जाएंगे। यदि ग्रामीण सजग रहेंगे तो घटनाएं रुकेंगी। कदापि घर के बाहर न सोएं।
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