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    Bahraich News : भेड़िए की दहशत ने बच्चों की पढ़ाई पर लगाया 'ब्रेक', हर वक्त खौफ के साए में पढ़ा रहे शिक्षक

    Updated: Sun, 01 Sep 2024 04:49 PM (IST)

    Wolf Terror in Behraich भेड़िए के खौफ से प्रभावित स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। सुबह बच्चों के प्रवेश होने के बाद गेट बंद कर दिया जा रहा है। वहीं परिवारजन भी अब बच्चों को स्कूल तक छोड़ने आ रहे हैं और छुट्टी होने के बाद उन्हें अपने साथ लेकर घर जा रहे हैं।

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    भेड़िए के खौफ से 20 फीसदी बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया है।

    राहुल यादव, बहराइच। जिला मुख्यालय से सटे महसी क्षेत्र में बीते 45 दिनों से भेड़िए का खौफ लोगों में है। बीते दिनों हमलों में आठ बच्चों समेत नौ लोगों की मौत के बाद ग्रामीण दहशतजदा हैं। आलम यह है कि अब परिवारजन बच्चों के पढ़ाई पर ब्रेक लगाने को मजबूर हो गए हैं। जो बच्चे स्कूल आ रहे हैं, स्वजन उनको छोड़ने व लाने के लिए आ-जा रहे हैं। भेड़िए के खौफ से 20 फीसदी बच्चों ने स्कूल आना बंद कर दिया है।

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    बच्चों की हाजिरी में आई कमी

    महसी के करीब 40 गांवों में 50 प्राथमिक व उच्च विद्यालय हैं। हजारों बच्चे पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन इन दिनों बढ़े भेड़िए के खौफ से बच्चों की उपस्थिति पर काफी प्रभाव पड़ा है। हर विद्यालय में पहले की अपेक्षा अब बच्चे कम आ रहे है। पढ़ाई के दौरान शिक्षक से लेकर बच्चों के अंदर भेड़िए का खौफ रहता है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर गुरुजन व परिवारजन काफी चौकन्ने हैं।

    गेट बंद करके दी जा रही शिक्षा

    भेड़िए के खौफ से प्रभावित स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। सुबह बच्चों के प्रवेश होने के बाद गेट बंद कर दिया जा रहा है। वहीं, परिवारजन भी अब बच्चों को स्कूल तक छोड़ने आ रहे हैं और छुट्टी होने के बाद उन्हें अपने साथ लेकर घर जा रहे हैं।

    लाडले को भेजने से कतरा रहे अभिभावक

    महसी के नकाही गांव निवासी जगदेव का पुत्र प्राथमिक विद्यालय जंगलपुरवा में कक्षा पांच का छात्र है। भेड़िए की दहशत से पूरा परिवार सहमा हुआ है। बच्चे को स्कूल जाने की इजाजत नहीं दे रहे है। इसी गांव की राधिका का पौत्र सुशील जंगलपुरवा में ही पढ़ता है। सभी का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजने में डर लग रहा है।

    पढ़ाई के साथ सतर्कता बता रहे शिक्षक

    प्राथमिक विद्यालय बग्गर में कार्यरत शिक्षक राजेश कुमार बताते हैं कि वह प्रतिदिन स्कूल समय से खोल देते है। सुरक्षा की दृष्टि से बच्चों को गेट बंद कर अपनी निगरानी में रखा जाता है। प्रधानाध्यापक सुशील कुमार का कहना है कि पढ़ाई के दौरान वर्तमान हालात को देखते हुए बच्चों को भेड़िए से सतर्क रहने की जानकारी भी दी जा रही है।

    50 विद्यालय प्रभावित हैं। हमले के बाद से बच्चों की उपस्थिति में गिरावट आई है। करीब 20 फीसद बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।

    -रामतिलक वर्मा, खंड शिक्षाधिकारी महसी

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