गैंगरेप के आरोपियों को जमानत मिलने के बाद अखिलेश यादव को आया गुस्सा, बोले- भाजपा इस बारे में बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी?
कैंपस में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में हाईकोर्ट ने दो आरोपियों को जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान की जमानत याचिका को बीते 4 जुलाई और 2 जुलाई को ही स्वीकार कर लिया था। तीसरा आरोपी सक्षम पटेल अभी जेल में ही है। बता दें कि हाईकोर्ट से पहले वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
जागरण ऑनलाइन टीम, लखनऊ। बीएचयू गैंगरेप के दो आरोपियों को जमानत मिलने के बाद चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। जहां सोशल मीडिया पर लोग अपने गुस्से कहा इजहार कर रहे हैं तो वहीं कई सामाजिक कार्यकर्ता और नेता भी इसके विरोध में उतर आए हैं। वहीं यूपी के पूर्व सीएम और मौजूदा सांसद अखिलेश यादव ने भी आरोपियों की जमानत होने पर ट्विटर पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर भाजपा पर निशाना साधा है।
जमानत मिलने के बाद आरोपियों का हुआ स्वागत
बता दें कि हाईकोर्ट से गैंगरेप के आरोपियों को जब जमानत मिली तो उनका स्वागत किया गया। इस बात को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। जानकारी के लिए बता दें कि बीते नवंबर IIT-BHU की छात्रा से तीन युवकों ने दुष्कर्म किया था। कैंपस में ही वारदात को अंजाम दिया गया था।
इसके बाद यूनिवर्सिटी के तमाम छात्र-छात्राओं ने इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस सकते में आई थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए दुष्कर्म करने वाले आरोपी कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान को गिरफ्तार किया था।
हाईकोर्ट ने दो आरोपियों को दी जमानत
आईआईटी कैंपस में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में हाईकोर्ट ने दो आरोपियों को जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान की जमानत याचिका को बीते 4 जुलाई और 2 जुलाई को ही स्वीकार कर लिया था। तीसरा आरोपी सक्षम पटेल अभी जेल में ही है। बता दें कि हाईकोर्ट से पहले वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
अखिलेश बोले- भाजपा इस बारे में बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी?
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की आईटी सेल के पदाधिकारी के रूप में काम करनेवाले बीएचयू गैंग रेप के तीन आरोपियों में से दो को ज़मानत मिलने की ख़बर निंदनीय भी है और चिंतनीय भी। सवाल ये है कि दुष्कर्म करनेवालों की कोर्ट में लचर पैरवी करने का दबाव किसका था।
ये देश की बेटियों का मनोबल गिराने की शर्मनाक बात है कि न केवल ये बलात्कारी बाहर आ गये बल्कि ऐसी भी ख़बरें हैं कि भाजपाई परम्परानुसार इनका फूल-मालाओं से स्वागत भी हुआ है।
भाजपा इस बारे में देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी? आशा है सच्ची पत्रकारिता करनेवाली सभी महिला एंकर इसके बारे में अपना एक शो ज़रूर करेंगी।
अखिलेश ने लिखा कि इस अति संवेदनशील मामले में तो हम भाजपा-संबद्ध उन तथाकथित ‘ईमानदार’ पत्रकारों से भी, रस्म अदायगी के स्तर पर ही सही, उनके महिला होने के नाते, इतनी उम्मीद तो कर सकते हैं कि वो बोलेंगीं नहीं लेकिन इस जमानत को सही ठहराने के लिए कुतर्क करनेवाले भाजपाई प्रवक्ताओं को कम से कम टोकेंगी तो, उन सबसे इससे ज़्यादा की उम्मीद रखना बेमानी है।
अखिलेश ने आगे कहा कि भाजपा स्पष्ट करे कि क्या देश के ‘प्रधान संसदीय’ क्षेत्र में भाजपाई कार्यकर्ताओं को दुष्कर्म करने की विशेष छूट और स्वतंत्रता मिली हुई है? बेहद शर्मनाक!