गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन दोषियों को सात साल की सजा, 28 वर्ष बाद आया कोर्ट का फैसला
बहराइच में अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन आरोपियों को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई। उन पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह मामला 1997 का है जिसमे आरोपियों ने वादी के पिता को पीट-पीट कर मार डाला था। अदालत ने जुर्माने की आधी रकम पीड़ित परिवार को देने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, बहराइच। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय अनिल कुमार ने गैर इरादतन हत्या के मामले में तीन आरोपितों को दोषी ठहराते हुए सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। इन पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर एक माह अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा।
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता अपराध सुनील कुमार जायसवाल ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि पूर्व में बहराइच व वर्तमान में श्रावस्ती जिले के बसनेरा लोहारनपुरवा निवासी बालकराम ने 30 जुलाई 1997 को इकौना थाने में सूचना दी कि गांव के ही अनोखीलाल, बाबू, चित्रकेश उर्फ चंद्रकेश और समयदीन उर्फ दीने ने पुरानी रंजिश के कारण उसके खेत में जबरन मेड़ बांधनी शुरू कर दी है।
जब उन्होंने रोकने का प्रयास किया तो आरोपितों ने उसकी पिटाई करने लगे। बचाव में आए उसके पिता रामछवि को भी लाठी-डंडों से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। शोर सुनकर आसपास खेतों में काम कर रहे लोग दौड़े और बीच-बचाव कराया। घायल रामछवि को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां चार अगस्त को इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा में बढ़ोतरी करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपित अनोखीलाल, बाबू और चित्रकेश उर्फ चंद्रकेश को दोषी पाया और सजा सुनाई। वहीं, मुकदमे की कार्रवाई के दौरान आरोपित समयदीन उर्फ दीने की मृत्यु हो जाने के कारण उनका मुकदमा समाप्त कर दिया गया। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि दोषी जुर्माना अदा करते हैं तो उसकी आधी राशि पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में दी जाए।
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