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    नाबाल‍िग से दुष्‍कर्म करने के मामले में युवक को 10 साल की सजा, 70 हजार रुपये का जुर्माना

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 02:43 PM (IST)

    बहराइच में पॉक्सो एक्ट के तहत एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई है साथ ही 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त सजा होगी। वहीं गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में एक दोषी को 27 महीने की कैद और जुर्माना लगाया गया है अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए यह फैसला सुनाया।

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    दुष्कर्मी को 10 वर्ष की सजा, 70 हजार जुर्माना।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, बहराइच। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट दीपकांत मणि ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित को दोष सिद्ध ठहराते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर उसे पांच माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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    अभियाेजन पक्ष की ओर से विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता पॉक्सो संत प्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि नानपारा कोतवाली के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी 15 वर्षीय बेटी घर से अपनी बड़ी बहन के यहां रिश्तेदारी में गई थी। 18 फरवरी 2017 को बढ़ैया कला निवासी आरोपित दंगल उसको लेकर कहीं भाग गया। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

    पीड़िता को बरामद कर उसका बयान न्यायालय के समक्ष कराया। पीड़िता ने बयान में अपने साथ हुए हैवानियत की पुष्टि की। पुलिस ने विवेचना पूरी कर आरोपित के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल किया। अदालत ने मामले का विचारण पूरा करने के बाद आरोपित को दोष सिद्ध ठहराते हुए सजा सुनाई।

    गैंगेस्टर एक्ट के दोषी को 27 माह की सजा

    उधर, विशेष अपर सत्र न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट अरविंद कुमार गौतम ने गैंगेस्टर एक्ट के मामले में फखरपुर के माधवपुर निवासी छोटकऊ को दोष सिद्ध करार देते हुए 27 माह 15 दिन के कारावास की सजा सुनाई है। उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न अदा करने पर उसे एक माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक गैंगेस्टर एक्ट सुरेंद्र सिंह ने मामले की पैरवी की।

    उन्होंने बताया कि 24 मार्च 2003 को तत्कालीन थाना प्रभारी जयसिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था कि छोटकऊ उप्र गिरोहबंद अधिनियम के तहत अपराध करता है। उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई तो वह संगठित आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपित ने गुरुवार को अपना जुर्म स्वीकार करते हुए अदालत से कम से कम सजा देने की याचना की। कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।

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