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    यूपी के इस जिले की बबीता राणा ने 44 साल की उम्र में पाई सरकारी नौकरी, दो बच्चों की मां ने नहीं मानी हार

    Baghpat News बागपत की 44 वर्षीय बबीता राणा ने साबित कर दिया कि उम्र से ज्यादा हौसला महत्वपूर्ण है। पति के सेवानिवृत्त होने और बेटों के पढ़ाई के लिए बाहर जाने के बाद बबीता ने यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा पास करके मुख्य सेविका की नौकरी हासिल की। लोगों के हतोत्साहित करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और सफलता प्राप्त की।

    By Pradeep Raghav Edited By: Praveen Vashishtha Updated: Sat, 23 Aug 2025 04:45 PM (IST)
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    दोनों बेटे व पति के साथ बबीता राणा। सौ. स्वजन

    जहीर हसन, जागरण, बागपत। उम्र से ज्यादा महत्वपूर्ण हौसला होता है। इसी हौसले ने 44 वर्षीय बबीता को ऐसी कामयाबी दिलाई जो महिलाओं के लिए मिसाल बन गई है। बड़ौत निवासी बबीता राणा के पति 10 साल पहले रिटायर होकर घर लौट आए। इनके दो बेटे बीएससी आनर्स की पढ़ाई कर रहे हैं, अब बबीता ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर मुख्य सेविका की नौकरी पा ली है।

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    बड़ौत की टीचर कालोनी निवासी बबीता एमए पास हैं। वे दो बेटे आर्यन राणा और आदित्य राणा की मां हैं। पति प्रदीप राणा एयरफोर्स से मेडिकल असिस्टेंट के पद से सेवानिवृत्त होकर वर्ष 2015 में घर लौट आए। बबीता बेटों को स्कूली होमवर्क संग खुद को भी पढ़ाई में अपडेट करती गईं। दोनों बेटों का 12वीं पास कर तीन साल पहले हंसराज कालेज दिल्ली में बीएससी इलेक्ट्रानिक्स आनर्स में एडमिशन हो गया, जो अब तृतीय वर्ष में हैं।

    बड़ा बेटा 20 साल और छोटा 19 साल का

    बड़ा बेटा 20 साल और छोटा बेटा 19 साल का है। बेटों के दिल्ली पढ़ने जाने के बाद चूल्हा-चौका संभालने के साथ बबीता ने पढ़ने की आदत नहीं छोड़ी। वर्ष 2022 में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में बाल सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के मुख्य सेविका के पदों का विज्ञापन निकला। तब पति से बोलीं कि उनकी भी इच्छा आवेदन करने की है। पति से सकारात्मक जवाब आया, तुम चाहती हो तो मुझे एतराज नहीं।

    बेटों के करियर और ब्याह के बारे में सोचो...

    पिछड़ा वर्ग में आयु छूट का लाभ उठाते हुए 41 वर्ष की आयु में आवेदन किया। आवेदन किया तब सहेलियों ने प्यार भरे अंदाज में सलाह दी कि क्यों चक्कर में पड़ती हो? बेटों के करियर व उनके ब्याह के बारे में सोचो। तुम्हें किस चीज की कमी है...। मगर लोगों का काम है कहना... यह सोचकर बबीता ने आवेदन कर परीक्षा पास की। सालों तक चयन सूची नहीं आने से निराशा हुईं, लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी। अब चयन हो गया। इसी माह नियुक्ति मिलने की उम्मीद है। जिला कार्यक्रम अधिकारी नागेंद्र मिश्रा कहते हैं कि बबीता का मुख्य सेविका के लिए चयन हुआ है।

    बबीता राणा का कहना है कि इंसान ठान ले तो कोई काम मुश्किल नहीं है। मैंने आम गृहणी होने पर परीक्षा पास की है। नौकरी पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से करूंगी।