बागपत का रिश्वतखोर अधिकारी, जिला पंचायत का अधिकारी 10 हजार रुपये लेते एंटी करप्श्न टीम ने किया गिरफ्तार
सुभाष तोमर प्रशासनिक अधिकारी जिला पंचायत बागपत को रिश्वत लेने के आरोप में किया गिरफ्तार। प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो रहा है। जिला पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी सुभाष तोमर के रिश्वत लेते पकड़े जाने का पहला मामला नहीं है।

बागपत, जागरण टीम। एंटी करप्शन की टीम ने प्रशासनिक अधिकारी सुभाष तोमर को दस हजार रुपये रिश्वत लेते दबोच लिया, लेकिन जिला पंचायत का यह भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। वहीं अब शासन ने जिला पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है।
डीएम को जांच कराकर दिए थे रिपोर्ट देने के आदेश
अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जिला पंचायत सदस्य बबली देवी, गीता, रविंद्र की शिकायत पर डीएम बागपत को जांच कराकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। इनका आरोप है कि एक वाहन किराए पर लिया, लेकिन आज तक उस वाहन का प्रयोग नहीं किया गया, जबकि उसकी किस्त की धनराशि हर माह निकल रही है। इस वाहन का चार माह का किराया चेक से दिया गया, जिसे किसी खाते में भेजने के बजाय बैंक से कैश करा लिया गया। बालू एवं मोरंग आदि ठेके देने में शुल्क वसूला गया। ठेकेदारों से मोटा कमीशन वसूला जाता है।
घोटाला करने का भी लगा आरोप
1.40 करोड़ रुपये से लाइटें लगवाने के मामले घोटाला करने का आरोप लगाया गया है। इनके अलावा और भी कई गंभीर आरोप लगाए गये हैं। इस मामले की जांच सीडीओ एमएल व्यास कर रहे हैं। सीडीओ ने कहा कि जांच चल रही है जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। बता दें कि एक सड़क को जिला पंचायत ने बनवा दी और फिर उसी सड़क को लोक निर्माण विभाग ने बनवाया। इसके बावजूद कार्रवाई होती नजर नहीं आई।
इन पर भी है रिश्वत का आरोप
गौरव सोलंकी का आरोप है कि जिला पंचायत कार्यालय से जुड़े कई और कर्मचारियों ने भी उनसे रिश्वत मांगी थी। राजस्व विभाग के एक कर्मचारी ने तो उनसे रिश्वत ली थी। उसको पकड़ने एंटी करप्शन की टीम आई भी थी लेकिन सूचना लीक होने की वजह से वह कर्मचारी पकड़ा नहीं गया था।
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मेरी निकाय चुनाव में छपरौली में ड्यूटी है। एंटी करप्शन की टीम द्वारा जिला पंचायत अधिकारी सुभाष तोमर को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिली है। पूरा मामला संज्ञान में नहीं है। चंद्रवीर सिंह, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत
सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार नहीं हो रहा खत्म
नवंबर माह में यूपी-हरियाणा बार्डर की निवाड़ा चौकी पर वाहनों से पुलिसकर्मी अवैध वसूली कर रहे थे। इसकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने पर तत्कालीन एसपी ने संबंधित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित किया था। आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। इससे पहले चौकी पर ही दो सिपाही पर अवैध वसूली के मामले में कार्रवाई हुई थी। एंटी करप्शन की टीम पूर्व में कई स्थानों पर छापामारी कर कार्रवाई कर चुकी है।
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