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    यूपी के छोरे सचिन यादव ने नीरज चोपड़ा व अरशद नदीम को पछाड़ा, दुनियाभर में हो रही चर्चा, अब 90 मीटर भाला फेंकने पर नजर

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    Sachin Yadav Javelin Thrower बागपत के सचिन यादव ने टोक्यो वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भले ही पदक नहीं जीता लेकिन उन्होंने नीरज चोपड़ा जैसे दिग्गजों को चुनौती दी। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि सचिन की कद-काठी और तकनीक उन्हें जेवलिन थ्रो में 90 मीटर से अधिक दूरी तक भाला फेंकने में सक्षम बनाएगी।

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    प्रतियोगिता के दौरान सचिन यादव। सौ. कोच

    गौरव कुमार, जागरण, खेकड़ा (बागपत)। टोक्यो वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियपशिप में बेशक सचिन यादव पदक से चूक गए, लेकिन अपने देश के नीरज चोपड़ा, पाकिस्तान के अरशद नदीम और जर्मनी के जूलियन वेबर जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ ये जता किया कि वो जेवलिन थ्रो में नया कीर्तिमान रचने को तैयार हैं।

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    खेल विशेषज्ञों का कहना है कि सचिन की लंबी चौड़ी कद काठी और उनकी तकनीक ऐसी है कि वो जल्द ही 90 मीटर से ज्यादा दूरी तक थ्रो कर दिखाएंगे। सचिन के कोच रहे संदीप का दावा है कि अब भारत के पास जेवलिन थ्रो की बादशाहत रहेगी।

    सचिन यादव अपने मुहल्ले के युवाओं के साथ एमएम इंटर कालेज के मैदान में क्रिकेट खेलते थे। जेवलिन थ्रो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप यादव भी मैदान पर थे। सचिन की लंबाई देखकर संदीप ने 2017 में उनको जेवलिन में हाथ आजमाने के लिए प्रेरित किया।

    कोच संदीप यादव के साथ सचिन यादव

    संदीप के अनुसार सचिन उनके साथ कोणार्क विद्यापीठ स्कूल में अभ्यास करते रहे। खेल में सुधार होने पर वह सचिन के साथ नितेश को भी अभ्यास के लिए अपने साथ नोएडा ले जाने लगे। दोनों यहां घंटों अभ्यास किया करते थे। 2017 में सचिन ने लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में पहली बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 67 मीटर भाला फेंका था। इसके बाद सचिन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, वह निरंतर भाले को अधिक दूरी पर फेंकने के लिए मेहनत करते रहे।

    इस कारण एक दिन 90 मीटर जरूर पार करेंगे सचिन

    बताया कि सचिन की 6.5 फीट लंबाई व कंधे का जर्क उसे अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता है। शारीरिक बनावट, हाथ की रफ्तार, तकनीक और मेहनत के बल पर एक दिन सचिन 90 मीटर को जरूर पार करेंगे। संदीप ने बताया कि वे खुद जेवलिन के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। उनका सपना ओलिंपिक में भारत को पदक दिलाना है, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने सचिन को मैदान में उतारा है। वह सचिन को अपने कोच नवल सिंह से कोचिंग दिला रहे हैं। नवल सिंह भारतीय टीम के कोच हैं।

    तीन भाई-बहनों में मझले हैं सचिन

    सचिन के पिता नरेश बताते हैं कि सचिन का बड़ा भाई विपिन व छोटी बहन अन्नू है। 2023 में वह खेल कोटे से यूपी पुलिस में भर्ती हुए और आज विश्व में नाम रोशन कर रहे हैं। मां सीता देवी व भाभी नेहा का कहना है कि खेल के प्रति सचिन का जुनून देखकर लगता था कि वह एक दिन परिवार व देश का नाम रोशन करेंगे, जो उन्होंने कर दिखाया है।