बागपत में पुलिसकर्मी कर रहा था मावन तस्करी, हेड कांस्टेबल समेत सात लोगों पर मुकदमा
- पूछताछ के बाद

बागपत में पुलिसकर्मी कर रहा था मावन तस्करी, हेड कांस्टेबल समेत सात लोगों पर मुकदमा
- पूछताछ के बाद आरोपित हेड कांस्टेबल को नोटिस देकर छोड़ा
- एक नेपाल, दो बालक और तीन युवक हैं झारखंड के निवासी
बागपत : जनपद में मानव तस्करी का पर्दाफाश हुआ है। बालक व युवकों को नेपाल व झारखंड से लाकर यहां पर सप्लाई किया जाता था। इस अवैध कार्य में बागपत निवासी व सहारनपुर में तैनात एक हेड कांस्टेबल भी शामिल है। सात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इनमें झारखंड का ठेकेदार भी है। पुलिस ने आरोपित हेड कांस्टेबल को पूछताछ के बाद नोटिस देकर छोड़ दिया।
ग्रामीण समाज विकास केंद्र (जस्ट राइट फार चिल्डर्स) के प्रोजेक्ट मैनेजर गजेंद्र सिंह ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उन्हें सूचना मिली कि ग्राम ट्यौढ़ी में कुछ बच्चों को बंधक बनाया गया है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरविंद कुमार, प्रोबेशन कार्यालय से चाइल्ड काआर्डिनेटर वंदना गुप्ता पुलिस के साथ गांव पहुंचे। यहां किसान महेश शर्मा, नितिन, प्रवेश, सुभाष, राम मोहन शर्मा, जगवीर के घर से तीन बालक व तीन युवकों को मुक्त कराया गया। किसानों ने बताया कि बालकों व युवकों को गांव के ही हेड कांस्टेबल प्रवेश ने 20-20 हजार रुपये लेकर दिए हैं। बालकों ने बताया कि आरोपित नजरुल ठेकेदार निवासी झारखंड ने 10-10 हजार प्रवेश से लिए थे। किसानों ने उन्हें कोई मजदूरी नहीं दी और उनसे कार्य कराया जा रहा था। ठेकेदार नजरुल व प्रवेश ने मानव तस्करी की है। सभी का मेडिकल कराया गया। नाबालिगों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर बाल संप्रेक्षण गृह मेरठ भेजा गया, जबकि बालिगों के अदालत में बयान दर्ज करा अपना घर मेरठ संस्था के पास भेज दिया गया। स्वजन को जानकारी दे दी गई है। एक बालक नेपाल के काठमांडू और दो बालक व तीन युवक झारखंड निवासी हैं।
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बालक व युवकों को लाकर किसानों के यहां पर छोड़ा जाता था। ठेकेदार समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें हेड कांस्टेबल प्रवेश भी शामिल है। वह रिजर्व पुलिस लाइन सहारनपुर में तैनात है।
- सूरज कुमार राय, एसपी बागपत
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