ट्रेन के इंजन के सामने अचानक आईं तीन नीलगाय, प्रेशर पाइप क्षतिग्रस्त, इस कारण टला बड़ा हादसा
बागपत में दिल्ली-सहारनपुर रेल मार्ग पर कासिमपुर खेड़ी-बूढ़पुर रेलवे स्टेशन के बीच शामली-दिल्ली पैसेंजर ट्रेन से तीन नीलगाय टकरा गईं, जिससे इंजन का प्र ...और पढ़ें

कासिमपुर खेड़ी रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण रमाला (बागपत)। दिल्ली-सहारनपुर रेल मार्ग पर गुरुवार सुबह लगभग 05:20 बजे कासिमपुर खेड़ी-बूढ़पुर रेलवे स्टेशन के बीच शामली-दिल्ली पैसेंजर ट्रेन संख्या 64020 के इंजन के सामने अचानक तीन नीलगाय आ गईं।
इंजन से टक्कर लगने के बाद नीलगाय दूर जा गिरीं। इस कारण ट्रेन का प्रेशर पाइप क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रेन को सावधानीपूर्वक स्टेशन तक लाया गया। यहां दोपहर तक मरम्मत की गई। यात्रियों को पीछे से आ रही दूसरी ट्रेन से रवाना किया। इस दौरान सर्दी में एक घंटे तक यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
यह ट्रेन सुबह सवा चार बजे शामली से चलती है और साढ़े पांच बजे कासिमपुर खेड़ी स्टेशन पर पहुंचती है। कासिमपुर खेड़ी और बूढ़पुर स्टेशन के बीच हादसा हो गया। हादसे के कारण इंजन की ब्रेकिंग एयर लाइन (ब्रेक प्रेशर पाइप) क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे ट्रेन के ब्रेक सिस्टम में प्रेशर ड्राप आ गया।
स्थिति को भांपते हुए लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए गाड़ी को नियंत्रित गति से चलाकर कासिमपुर खेड़ी रेलवे स्टेशन तक सुरक्षित पहुंचाया और तुरंत स्टेशन मास्टर को घटना की सूचना दी। सूचना से रेलवे कंट्रोल को अवगत कराया गया, जिसके बाद यांत्रिक विभाग के इंजीनियरों को मौके पर बुलाया गया। सुरक्षा मानकों के तहत ट्रेन को स्टेशन पर खड़ा कर तकनीकी परीक्षण एवं मरम्मत कार्य शुरू किया गया। रेलवे ने यात्रियों को पीछे से आ रही ट्रेन संख्या 64022 से उनके गंतव्य के लिए रवाना कराया।
इस दौरान एक घंटे तक यात्री ठंड में ठिठुर गए। रेलवे सूत्रों के अनुसार दोपहर तक क्षतिग्रस्त इंजन को ठीक कर लिया गया और तकनीकी खामी दूर कर दी गई। हादसे के चलते इस रेलमार्ग पर अन्य ट्रेनों का संचालन प्रभावित नहीं हुआ और बाकी ट्रेनें अपने निर्धारित समय के अनुसार चलीं।
उधर, दैनिक यात्रियों ने मांग की कि संवेदनशील क्षेत्रों में फेंसिंग, नियमित पेट्रोलिंग और निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। कासिमपुर खेड़ी रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर अनिल कुमार ने बताया कि रेलवे इंजीनियरों द्वारा जांच व मरम्मत के बाद इंजन को दुरुस्त कर लिया गया है। यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेन से रवाना किया गया।
यात्रा हो रही असुविधाजनक
हादसे के बाद दैनिक यात्री राकेश कुमार ने कहा कि इस रूट पर आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। कभी बेसहारा गोवंश ट्रैक पर आ जाता है तो कभी नीलगाय सामने आ जाती है। रेलवे को सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। यात्री पंकज ने बताया कि रेल लाइन के किनारे फेंसिंग नहीं होने से जानवर आसानी से ट्रैक पर पहुंच जाते हैं, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ जाती है। यात्री अनिल का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के कारण कई बार रेल यात्रा असुविधाजनक और तनावपूर्ण हो जाती है। रेलवे को स्थायी समाधान करना चाहिए.

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