HC बेंच को ज्ञापन देने पहुंचे वकील इस कारण करने लगे बागपत DM के खिलाफ नारेबाजी, हाईवे जाम; वाहनों की 2KM लंबी लाइन
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ता प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को देने पहुंचे। डीएम के इंतजार में अधिवक्ताओं ने ...और पढ़ें

बागपत में डीएम से बातचीत करते अधिवक्ता।
जागरण संवाददाता, बागपत। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेच की स्थापना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन अधिवक्ता कलक्ट्रेट में डीएम को देने पहुंचे, लेकिन आधा घंटे तक डीएम की इंतजार करते रहे। इस पर अधिवक्ता भड़क गए और दिल्ली-सहारनपुर हाईवे जाम कर हंगामा किया। डीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब एक घंटे बाद डीएम ने अधिवक्ताओं के बीच पहुंचकर ज्ञापन लिया।
केंद्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार को अधिवक्ताओं ने जनपद बंद का आह्वान किया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष सिंह तोमर व महामंत्री अजीत सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ता पूर्ण निर्धारित कार्यक्रम के तहत डीएम अस्मिता लाल को ज्ञापन देने के लिए कलक्ट्रेट पहुंचे थे। उनसे ज्ञापन लेने के लिए डीएम अपने कार्यालय से बाहर नहीं आईं।
इस पर अधिवक्ता भड़क गए और नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट के बाहर हाईवे पर पहुंचकर धरना दे दिया। हाईवे पर दोनों और वाहनों की करीब 2 किमी लंबी लाइन लग गई। अधिवक्ताओं ने अल्टीमेटम दिया कि जब तक डीएम यहां पर आकर ज्ञापन नहीं लेंगी, तब तक हाईवे से नहीं हटेंगे।
एएसपी प्रवीण सिंह चौहान अधिवक्ताओं को मनाने पहुंचे लेकिन उनकी एक न सुनी। अंत में डीएम अस्मिता लाल ने उनके बीच पहुंचकर ज्ञापन लिया। डीएम ने सख्त रुख अपनाने की कोशिश की तो अधिवक्ताओं ने उनके सामने ही उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी। इसके बाद डीएम कलक्ट्रेट लौट गईं।
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यह बोले अधिवक्ता
अधिवक्ताओं का कहना है कि सुलभ व सस्ते न्याय के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट बेंच की स्थापना जरूरी है। यहां से पाकिस्तान की हाईकोर्ट लाहौर नजदीक है, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट दूर है। विभिन्न प्रांतों में हाईकोर्ट की दो-दो बेंच है। बड़ी संख्या में इलाहाबाद हाईकोर्ट में यहां के मुकदमे लंबित है। इस मांग को लेकर 70 वर्ष से अधिक समय से सरकारें ध्यान नहीं दे रही हैं।
16 मार्च 1981 में हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति मेरठ के बैनर तले विधिवत आंदोलन का आगाज हुआ था। जेल भरो आंदोलन चलाया गया था। बड़ी संख्या में जनपद के अधिवक्ता जेल गए, तब से आंदोलन जारी है। प्रत्येक शनिवार को अधिवक्ता हड़ताल पर रहते हैं। अनेक बार सड़कें जाम, उप निबंधक कार्यालय पर तालाबंदी की गई। राजनेताओं, शासन-प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हुई है।

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