Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गन्ना सीजन शुरू होते ही बढ़ जाती है मानव तस्करी, बागपत में खुली पोल

    By Rajkumar outputEdited By: Jagran News Network
    Updated: Wed, 24 Sep 2025 01:25 AM (IST)

    - बिहार झारखंड छत्तीसगढ़

    Hero Image

    गन्ना सीजन शुरू होते ही बढ़ जाती है मानव तस्करी, बागपत में खुली पोल

    - बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल से लाए जाते हैं श्रमिक

    - हेड कांस्टेबल के मानव तस्करी में शामिल होने से अफसर भी हैरान

    बागपत: जनपद में मानव तस्करी बड़े स्तर पर की जा रही है। गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, असोम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश आदि से श्रमिकों की खरीद-फरोख्त शुरू हो जाती है। ज्यादातर मामलों में शिकायत आती है कि किसान कार्य कराने के बावजूद श्रमिकों को निर्धारित मानदेय नहीं देते और उनके साथ मारपीट तक की जाती है। पूर्व में पुलिस कई स्थानों से श्रमिकों को बंधनमुक्त करा चुकी है। उसके बावजूद मानव तस्करी नहीं रुक रही है। पुलिस अफसर भी उस समय हैरान रह गए जब पता चला कि मानव तस्करी में बागपत निवासी और सहारनपुर रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल प्रवेश उर्फ कल्लू भी शामिल है। उसे हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की गई। इसके बाद नोटिस देकर छोड़ा गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ---

    ऐसे होती है मानव तस्करी

    किसान श्रमिकों के लिए स्थानीय दलाल से संपर्क करते हैं। दलाल का संपर्क बिहार, झारखंड आदि के दलाल से रहता है। वह स्थानीय दलाल की मांग पर श्रमिकों को दिल्ली व अन्य रेलवे स्टेशन पर लेकर आता है। वहां से लाने के बाद स्थानीय दलाल श्रमिकों को किसानों को देता है। किसानों से एडवांस में रुपये लिए जाते हैं। इस कार्य के लिए 10 से 20 हजार रुपये दलाल लेता है।

    ---

    किशोरों को बेचते हैं दलाल

    एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) थाने के प्रभारी विनोद कुमार के अनुसार बिहार, झारखंड आदि से किशोरों को प्रलोभन देकर ठेकेदार (दलाल) लेकर आते हैं और यहां पर किसानों को बेच देते हैं। कुछ किसान श्रमिक को तीन से चार हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से देते हैं, जबकि श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी 12,500 रुपये प्रतिमाह है।

    ---

    मानव तस्करी का पहला मुकदमा दर्ज

    थाने के प्रभारी विनोद कुमार का कहना है कि मानव तस्करी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपितों के विरुद्ध बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, दुर्व्यापार, कार्य करने के लिए मजबूर करना आदि बीएनएस की धारा में एफआइआर दर्ज की गई है। इससे पहले श्रम विभाग द्वारा जुर्माना लगाया जाता था।

    ---

    जिले में मानव तस्करी नहीं होने दी जाएगी। इसमें शामिल दो ठेकेदार प्रकाश में आए हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

    -सूरज कुमार राय, एसपी