घटना की साजिश रचने और साक्ष्य छिपाने में मिली संलिप्तता, पुलिस ने कसा शिकंजा तो ड्यूटी पर भी नहीं पहुंचे डाक्टर साहब
Baghpat News बागपत में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेरफेर के आरोप में दो डाक्टरों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है जिससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची है। आरोप है कि डाक्टरों ने घटना की साजिश रची और सबूत छिपाए। इस कार्रवाई के विरोध में अन्य चिकित्सक लामबंद हो गए हैं।

जागरण संवाददाता, बागपत। सानिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल करने के आरोप में दो चिकित्सकों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। घटना की साजिश रचने और साक्ष्य छिपाने का आरोपित मानते हुए उन्हें मुकदमे में शामिल किया गया। इससे स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई। आरोपित दोनों चिकित्सक शनिवार को ड्यूटी नहीं पहुंचे। वहीं रोष जताते हुए अन्य चिकित्सक लामबंद हो गए। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों ने पहले सीएमओ डा. तीरथ लाल, फिर अस्मिता लाल से वार्ता की। उनका दावा किया गया वार्ता सकारात्मक रही है। स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रहेगी। वहीं पुलिस सख्त रुख अपना रही है। दिनभर सिफारिश का भी दौर चला।
ऐसा हुआ था पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल
कब्र से सानिया के शव को 26 जुलाई को कब्र से निकालने के बाद उसका दो चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था। रिपोर्ट में सानिया की मौत के कारण का पता नहीं होना बताया गया था। जबकि आरोपितों ने पुलिस के सामने किशोरी की हत्या करना स्वीकार किया था। मर्चरी से किशोरी के शव को एबुलेंस में लेकर स्वजन गांव के लिए चल दिए थे। जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट का पता पुलिस को चल गया था।
थोड़ी दूरी से एंबुलेंस को वापस बुलाकर पुलिस ने किशोरी के शव को वापस मर्चरी में रखवा दिया था। इसके बाद डीएम से दोबारा पोस्टमार्टम की अनुमति ली गई थी। 28 जुलाई को गाजियाबाद से फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाए गए थे। उन्होंने दो चिकित्सकों के साथ मिलकर उसका पोस्टमार्टम किया था, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधिकारियों ने दावा किया था सानिया की मुंह व गला दबाकर हत्या की गई है।
ड्यूटी पर नहीं पहुंचे चिकित्सक
डा. दीपक कुमार संयुक्त जिला चिकित्सालय और डा. मुकेश कुमार दीपक सीएचसी बागपत पर तैनात हैं। दोनों चिकित्सक शनिवार को ड्यूटी नहीं पहुंचे। इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा हैं। डाक्टर दीपक कुमार का कहना है कि उनके द्वारा किए गए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी हुई है। पोस्टमार्टम नियमानुसार किया गया है। किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है। न ही उनके द्वारा लिख गया कि किशोरी की हत्या नहीं की गई।
किशोरी का शव कब्र से निकाले जाने के कारण पोस्टमार्टम जटिल श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में कई बार मौत का कारण पता करना सामान्य चिकित्सकों के लिए संभव नहीं होता, जिसके लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट की राय लिए जाने का प्रावधान है। वे शनिवार को ड्यूटी से अवकाश पर रहे है। पुलिस की कार्रवाई गलत है। उधर, आरोपित से मोबाइल काल करके संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं किया गया।
यह है मामला
बागपत : दोघट थाना क्षेत्र के ग्राम पलड़ा में मुस्लिम समाज की 16 वर्षीय सानिया और अनुसूचित जाति के 17 वर्षीय किशोर के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। सानिया अपने प्रेमी सागर के साथ 15 जुलाई को हिमाचल प्रदेश चली गई थी। स्वजन ने उसे वहां से लाकर 22 जुलाई की रात घर पर हत्या कर दी थी। साथ ही सागर की नलकूप पर बेरहमी से पिटाई की थी। 23 जुलाई की सुबह टीबी से सानिया की मौत होना बताते हुए स्वजन ने कब्रिस्तान में उसके शव को दफना दिया था। हत्या की शिकायत मिलने पर डीएम अस्मिता लाल की अनुमति लेकर सानिया के शव को 26 जुलाई को कब्र से निकालने के बाद दो बार उसका पोस्टमार्टम किया गया था। पुलिस छह आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एसपी बोले-घटना में साजिश में भी संलिप्तता मिली है
एसपी बागपत सूरज कुमार राय का कहना है कि सानिया के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर दीपक कुमार व मुकेश कुमार दीपक ने साक्ष्य छिपाए। साथ ही घटना में साजिश में भी संलिप्तता मिली है। उनके नाम मुकदमे में शामिल कर लिए गए है। विवेचना के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रहेगी।
डाक्टर यशवीर सिंह, सचिव, प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ का कहना है कि मुकदमे में दो चिकित्सकों के नाम शामिल होने का पता चलने पर चिकित्सकों की सीएमओ कार्यालय में मीटिंग हुई। इसके बाद संगठन के पदाधिकारियों की सीएमओ व डीएम से वार्ता हुई। जो सकारात्मक रही।
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