Chaudhary Charan Singh: जब चौधरी चरण सिंह ने दस्यु प्रभावित चंबल के बीहड़ों काे नापा...,लागू किया था यूपी में वायरलेस युक्त गश्त
Chaudhary Chanran Singh News भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की आज पुण्यतिथि है। रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने गत पांच अप्रैल को चौधरी साहब के जीवन पर प्रकाशित परंतप पुस्तक सीएम योगी आदित्यनाथ को भेंट की। इस पुस्तक के अनुसार चौधरी साहब ने सूबे के गृहमंत्री की हैसियत से पुलिस सेवा संगठित की। यूपी में उन्होंने पुलिस को मजबूती प्रदान की।

जहीर हसन, बागपत। यूं तो चौधरी साहब ने झोपड़ी में जन्म लेकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का सफर तय किया, लेकिन जीवन में संघर्ष कम न था। पहले देश की आजादी के लिए और फिर आजाद भारत में आपातकाल के विरोध में जेल गए थे। वे उप्र के ऐसे गृहमंत्री रहे जिन्होंने पुलिस की कठिनाइयां जानने को दस्यु प्रभावित चंबल के बीहड़ों में पद यात्रा की।
1961 में प्रदेश सरकार में गृहमंत्री रहते चौधरी साहब ने पुलिस व्यवस्था में ऐसा सुधार कराया जो मिसाल बन गया। रालोद अध्यक्ष ने पुस्तक को सीएम योगी को सौंपा था।
एएसआइ पद सृजित कर पदोन्नति के लिए मुख्य आरक्षियों में प्रतिस्पर्धा पैदा की जिससे कानून व्यवस्था सुधरी। पुलिस की जमीनी परेशानी को जानने को चौधरी साहब ने दस्यु प्रभावित आगरा और इटावा आदि चंबल के बीहड़ों की पदयात्रा की थी। दस्यु उन्मूलन में जुटे जांबाज सिपाहियों को किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है, उनके जैसा अनुभव प्राप्त कर चौधरी साहब ने चंबल में कार्यरत पुलिसकर्मियों को मृत्यु उपरांत स्वजन को पूरी पेंशन देने की व्यवस्था की।
पुलिस सेवा को किया मजबूत
समाज को बेहतर पुलिस सेवा देने को चंबल समेत सूबे में वायरलेस युक्त पुलिस गश्त व कंट्रोल रूम की व्यवस्था की। घटना स्थल पर त्वरित गति से पहुंचने को प्रत्येक थाना को पेट्रोल चलित इंजन वाली जीप दिलाई थी। ढिकौली के ओमबीर ढाका कहते हैं कि चौधरी साहब ने देश के गृहमंत्री रहते निजी प्रभाव से पहली बार रेल कर्मियों को बोनस दिलाने की शुरुआत कराई थी।
ये भी पढ़ेंः MLA Rafiq Ansari Case: बीमारी का बहाना काम न आया, मुलायजा बैरक में 40 बंदियों के बीच में रखे गए विधायक रफीक अंसारी
सरफरोशी की तमन्ना
चौधरी साहब को आपात स्थिति का पहले ही आभास हो गया था। उन्होंने 24 जून को घर पर आम खाते हुए अचानक कहा कि एक पुराना गाना गाने को मन कर रहा। फिर गाना गाने लगे कि कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। इसके बाद आपातकाल लगा। वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र आर्य एडवोकेट कहते हैं कि चौधरी साहब को तिहाड़ जेल में रखा गया। उन्होंने विपक्ष को एकजुट कर 1977 के चुनाव में कांग्रेस को हार दिलाई।
ये भी पढ़ेंः Agra: मेट्रोमोनियल साइट पर दोस्ती-अस्पताल में प्यार; होटलों में सहमति से बनाए शारीरिक संबंध अब शादी के नाम पर रार
चौधरी साहब का सफर
- 23 दिसंबर 1902 को चौधरी साहब का जन्म हुआ
- 1929 को मेरठ जिला बोर्ड के सदस्य चुने गए थे
- 28 अक्टूबर 1940 को अंग्रेजों ने जेल में बंद किया
- 1937 में पहली बार प्रांतीय धरा सभा के सदस्य बने
- 1947 में चौधरी साहब मुख्यमंत्री के सभा सचिव बने
- 1967 में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- 1969 को दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- 1970 में मुख्यमंत्री पद से दे दिया इस्तीफा
- 1977 में पहली बार लोकसभा सदस्य व गृहमंत्री बनाए गए
- 24 जनवरी 1979 को उप प्रधानमंत्री बनाए गए
- 28 जुलाई 1979 में प्रधानमंत्री की शपथ ली
- 33वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।