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    सब ठीक नहीं है! रजिस्टर खोलते ही चौंक गए सीडीओ, ये चार सवाल पूछने पर अफसर के छूटे पसीने

    Updated: Mon, 03 Feb 2025 04:21 PM (IST)

    बागपत में महिला कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। वन स्टॉप सेंटर के स्टॉक रजिस्टर में अनियमितताएं मिलने पर सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव ने नाराजगी जताई। रजिस्टर में ओवरराइटिंग फ्लूड का उपयोग और कोरे पन्ने मिलने पर उन्होंने प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी से जवाब मांगा। सीडीओ ने चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया कि आगे से ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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    वन स्टाप सेंटर बागपत का रजिस्टर चेक करते सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव: जागरण

    जागरण संवाददाता, बागपत। महिला कल्याण विभाग में सब ठीक नहीं चल रहा है। फाइल गुम होने के बाद अब वन स्टाप सेंटर का स्टाक रजिस्टर देख सीडीओ चौंक गए। रजिस्टर के पन्नों की बीच में लाइनें तथा कोरे पन्ने छूटे मिलने के साथ फ़्लूड लगाकर पुन: लेखन तथा ओवरराइटिंग मिलने से सीडीओ नाराजगी जताते हुए चेतावनी देकर रजिस्टर लौटा दिया।

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    महिला कल्याण विभाग मिशन शक्ति के तहत पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए वन स्टाप सेंटर का संचालन कराता है। इसमें बरामद पीड़ित महिलाओं तथा बालिकाओं को कानूनी कार्रवाई प्रक्रिया पूरी होने तक रखने के संग उनके भोजन, चाय-नाश्ता की व्यवस्था होती है। जरूरत पड़ने पर उपचार कराया जाता है।

    सीडीओ ने पूछे ये चार सवाल

    सीडीओ नीरज कुमार श्रीवास्तव ने प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी से 31 जनवरी को वन स्टाप सेंटर का स्टाक रजिस्टर तलब कर चेक किया तो चौंक गए। सीडीओ ने पूछा कि स्टाक रजिस्टर के पृष्ट पर फ्लूड क्यों लगा और ओवरराइटिंग क्यों है? बीच में लाइनें व पन्नें कोरे क्यों? स्टाक रजिस्टर कब बना? आदि बिंदुओं पर जानकारी लेने के बाद आवश्यक दिशा-निर्देश देकर स्टाक रजिस्टर लौटा दिया।

    सीडीओ ने कहा कि बीच में लाइनें इसलिए छोड़ना बताया कि किसी केस के आने पर एंट्री की जाती है। फ्लूड तथा ओवरराइटिंग के मामले में चेतावनी दी कि आगे से ऐसा नहीं चलेगा। जिला प्रोबेशन अधिकारी कैलाश तिवरी ने कहा कि स्टाक रजिस्टर में कोई गबड़बड़ी नहीं है।

    यह भी जानिए

    डीएम ने दिन पहले ही विवादों में घिरे प्रभारी जिला प्रोबेशन अधिकारी मोहम्मद मुशफेकीन को एकतरफा रिलीव कर महिला कल्याण निदेशालय आमद कराने का आदेश दिया था। पांच अधिकारियों की जांच के बाद तत्कालीन डीएम ने उनके खिलाफ शासन को भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी जैसे उच्चाधिकारियों को भ्रमित करने तथा आउट सोर्सिंग कंपनी को फायदा पहुंचाने का प्रयास करने आदि बिंदु पर रिपोर्ट भेजी। वहीं, एक महत्वपूर्ण फाइल गुम होने का मामला सुर्खियों में है।

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