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    Bird Flu: बागपत में अलर्ट जारी, टीमें गठित; इंसानों में ये होते हैं लक्षण

    बागपत जिले में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। पशु चिकित्सा विभाग मुर्गि फार्मों पर निगरानी रख रहा है और लोगों को पक्षियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। 60 सैंपल जांच के लिए बरेली भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। बर्ड फ्लू के लक्षणों के प्रति जागरूक किया जा रहा है और सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।

    By Surendra Kumar Kashyap Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 18 May 2025 07:37 PM (IST)
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    Bird Flu: छह टीमे कर रही बर्ड फ्लू की निगरानी, दुकानें बंद करने के आदेश नहीं. File

    जागरण संवाददाता, बागपत। Bird Flu: जिले में बर्ड फ्लू के लिए अलर्ट जारी किया गया है। पक्षियों से फैलने वाली इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

    उन लोगों को भी सचेत किया जा रहा है जो कबूतर, तोते या अन्य पक्षियों का पालन करते हैं। या फिर पक्षियों के झूंड में पहुंचकर दाना डालने जाते हैं। पशु चिकित्सा विभाग भी आदेश पर कार्रवाई शुरू कर दी है। टीमों का गठन कर दिया गया है। मुर्गी फार्मों पर निगरानी रखी जा रही है।

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    60 सैंपल बरेली प्रयोगशाला भेजे

    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि जिले के छह ब्लाक में छह टीम लगा दी गई है। एक टीम में दो डाक्टर और अन्य कर्मचारी शामिल किए गए हैं। जिले में 24 मुर्गी फार्म हैं, जिन पर नजर रखी जा रही है। आदेश के बाद से 60 सैंपल बरेली प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

    किसी की रिपोर्ट नहीं मिली है। टीम निरंतर कार्य कर रही है। जिले में चिकन की दुकानों को अभी बंद नहीं किया गया है। लोगों से अपील की सावधानियां बरतें। किसी तरह की दिक्कत होने पर पशु चिकित्सका विभाग से मिलें।

    मनुष्यों में बर्ड फ्लू के लक्षण

    • बुखार, खांसी, थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना, सिरदर्द, निमोनिया, एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन), और दस्त, आंखों में लालिमा, दर्द या पानी आना, गंभीर मामलों में निमोनिया, एन्सेफलाइटिस और मृत्यु हो सकती है।
    • वहीं गंभीर परिस्थितियों में अस्थमा या सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारियों का बिगड़ना, कान और साइनस का संक्रमण, श्वसन तंत्र की विफलता (तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम), गुर्दे से संबंधित समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं, फेफड़ों में रक्तस्राव, फेफड़े का सिकुड़ जाना या जीवाणुजनित निमोनिया. आदि है।

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    बर्ड फ्लू का प्रसार

    • संक्रमित पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से।
    • संक्रमित पक्षियों के शरीर के तरल पदार्थ (जैसे लार, मल, या सांस के माध्यम से) के संपर्क में आने से।
    • संक्रमित पक्षियों के मांस या अंडे का सेवन करके।

    बर्ड फ्लू से बचाव

    • संक्रमित पक्षियों से दूर रहें।
    • संक्रमित पक्षियों के साथ सीधा संपर्क करने से बचें।
    • संक्रमित पक्षियों के शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।
    • उचित तरीके से मुर्गे का मांस और अंडे पकाएं।