सीएम योगी की सख्ती के बाद बागपत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की तलाश तेज, खुफिया विभाग अलर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बाद बागपत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की खोजबीन तेज कर दी गई है। खुफिया वि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बागपत। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख अपनाने के बाद जनपद में भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की तलाश शुरू हो गई है। नगर निकाय की टीम गोपनीय रूप से पड़ताल कर रही है। खुफिया तंत्र भी सतर्क हो गया है।
इनकी सूची बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। हालांकि अभी कोई संदिग्ध नहीं मिला है। दिल्ली की तर्ज पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को डिटेंशन सेंटर में रखने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश स्तर पर सर्च अभियान शुरू हो गया है।
दिल्ली में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए मिल चुके हैं, जिन्हें डिटेंशन सेंटरों में रखा गया है। बागपत दिल्ली से महज 28 किमी. की दूरी पर है। ऐसी स्थिति में यहां पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या मिल सकते हैं। इसी को देखते हुए जनपदीय अधिकारी सतर्क हैं।
गोपनीय रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को तलाश
नगर निकायों के कर्मचारियों की टीमों का गठन कर गोपनीय रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को तलाश किया जा रहा है। इनकी सूची तैयार कर मेरठ कमिश्नर और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
वहीं, खाली सरकारी इमारतों, सामुदायिक केंद्र, रिजर्व पुलिस लाइन, थाने आदि चिन्हित किए जा रहे हैं, ताकि वहां पर घुसपैठियों को कड़ी सुरक्षा में रखा जा सके। खुफिया विभाग ने भी एक बार फिर जांच शुरू कर दी है, हालांकि अभी तक बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिए की मिलने की पुष्टि नहीं हुई है।
उधर, एसडीएम अमरचंद वर्मा का कहना है कि जनपद में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिए नहीं हैं। इस तरह का कोई सर्च ऑपरेशन नहीं चलाया जा रहा है।
ईंट भट्ठों के श्रमिकों का ब्योरा होगा तलब
पुलिस अधिकारियों ने ईंट भट्ठों के स्वामियों से कहा है कि श्रमिकों का आधार कार्ड के हिसाब से रिकॉर्ड रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर जांच की जा सके।
यहां नहीं मिले रोहिंग्या घुसपैठिए
जनपद में पूर्व में कई बार सर्च ऑपरेशन चल चुका है, लेकिन यहां पर कभी भी बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिए नहीं मिले हैं। खुफिया विभाग के रिकॉर्ड में भी बांग्लादेशी व रोहिंग्या की यहां पर कभी नहीं मिलने की पुष्टि हो रही है।

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