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    ग्रीनफील्ड हाईवे पर बागपत तक ट्रायल रन शुरू, सहारनपुर वालों को करना होगा थोड़ा इंतजार

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 08:41 AM (IST)

    दिल्ली-सहारनपुर ग्रीनफील्ड हाईवे पर बागपत तक ट्रायल रन शुरू हो गया है। हालांकि, सहारनपुर के निवासियों को अभी इंतजार करना होगा। सुरक्षा कार्य समेत कई कार्य अभी अधूरे हैं। जिस कारण सहारनपुर की सीमा में अभी वाहनों को फर्राटा भरने में वक्त लगना तय है। 

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    दिल्ली-सहारनपुर देहरादून हाईवे 709बी पर ट्रायल रन के दौरान दौड़ते वाहन।


    जागरण संवाददाता, सहारनपुर। अक्षरधाम से बागपत तक भले ही फेज-वन का ट्रायल रन दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर शुरू हो गया, लेकिन सहारनपुर की सीमा में अभी वाहनों को फर्राटा भरने में वक्त लगना तय है। जिले के लश्करपुर पुल के सेक्शन स्लैब व पैनल खिसक जाने से सैयद माजरा से बड़कला तक हाईवे पर वाहनों का संचालन बंद है।

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    मानसून के दौरान देहरादून क्षेत्र में बरसाती नदियों में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए एलिवेटिड रोड के 575 पिलरों में से पानी की तेज धारा में आने वाले लगभग 24 पिलरों को डेढ़ से दो फीट मोटाई बढ़ाकर जैकेट पहनाने का कार्य प्रगति पर है।

    एनएचएआई के अनुसार, लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। शेष काम भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। ग्रीनफील्ड हाईवे पर स्थित सैयद माजरा टोल प्लाजा से शुरू होने वाले पुल के लगभग 100 फीट हिस्से के पैनल हाल ही में खिसक गए थे।

    बताया गया कि पिछले दिनों हुई बरसात के कारण यह पैनल अपने स्थान से खिसके हैं। ऑडिट टीम की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ। इसके बाद आनन-फानन में एनएचएआई के अधिकारियों ने पुल के एक साइड के इस हिस्से की पूरी सड़क को तोड़कर मिट्टी खुदाई शुरू की है, इन सभी पैनलों व सेक्शन स्लैब को निकालने का काम शुरू किया है, इसके चलते सैयद माजरा टोलप्लाजा से बड़कला फ्लाईओवर तक हाईवे पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है।

    पिलर्स को जैकेट पहनाने का काम जारी

    दिल्ली की ओर से पहला चरण अक्षरधाम से बागपत जिले के खेकड़ा तक,दूसरा चरण बागपत से सहारनपुर तक है। तीसरे चरण में सहारनपुर में नागल के लाखनौर से गणेशपुर तक का कार्य 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। चौथे चरण में गणेशपुर से आशारोड़ी तक एलिवेटिड हिस्से पर सुरक्षा और फिनिशिंग का काम जारी है।

    मानसून के दौरान देहरादून क्षेत्र में बरसाती नदियों में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए एलिवेटिड रोड के 575 पिलरों में से पानी की तेज धारा में आने वाले लगभग 24 पिलरों को डेढ़ से दो फीट मोटाई बढ़ाकर पिलर्स को जैकेट पहनाने का कार्य प्रगति पर है।

    सुरक्षा कार्य अभी नहीं हुए पूरे

    डाटकाली मंदिर के पास सुरक्षा कार्य, मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन और टनल फिनिशिंग जैसे काम दिसंबर तक पूरे होने की संभावना है। इसके अलावा गागलहेड़ी कट से शेरपुर के बीच बने पुलों पर रिफ्लेक्टिव रोड स्टड, ट्रैफिक कोन और बैरिकेट्स, मेटल बीम हाईवे गार्ड रेल, ट्रैफिक सिग्नल एवं एसओएस बॉक्स आदि लगाने का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है। हाईवे पर कई जगहों पर बनाई गई सड़क टूट गई है, उसका पैच वर्क भी किया जा रहा है।

     

    12 किमी का वाइल्ड लाइफ ऐलिवेटिड सेक्शन तैयार

    एनएचएआई ने भारी बारिश और बाढ़ की संभावित स्थितियों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली-देहरादून हाईवे पर डाटकाली मंदिर से गणेशपुर तक 12 किमी का ऐलिवेटिड सेक्शन तैयार किया है। यह हिस्सा पहाड़ी बरसाती नदी के ऊपर बनाया गया है।पिछले दिनों मोहंड का पुराना मार्ग अवरुद्ध हो जाने के कारण ऐलिवेटिड रोड के छह लेन में 17 सितंबर से एक सप्ताह तक ट्रैफिक सुचारू रूप से चलाया गया है।

    सहारनपुर क्षेत्र में पड़ने वाले 41 किलोमीटर लाखनौर से गणेशपुर तक के मार्ग पर भी वाहनों की टेस्टिंग हो चुकी है। परियोजना की खासियत 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटिड कॉरिडोर है, जो राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है।

    इसमें छह एनिमल अंडरपास, दो हाथी अंडरपास, 113 अंडरपास, 76 किमी सर्विस रोड, 62 बस शेल्टर, 16 प्रवेश और निकास द्वार, 5 रेलवे ओवरब्रिज सहित कई खासियत हैं।इसके साथ ही डाटकाली मंदिर के पास 1995 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 340 मीटर लंबी तीन लेन सुरंग भी शामिल है।सुरंग का कार्य भी अभी अधूरा है।



    जांच टीम के निर्देशों के अनुसार पुल के इस हिस्से के स्लैब तथा पैनल आदि बदलने का काम चल रहा है। रिफ्लेक्टर व रोड मार्किंग आदि का कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है।

                                                                              प्रदीप गौंसाई, पीडी एनएचएआई रूड़की