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    अब तक 300 सांप पकड़ने वाले को दि‍खा कोबरा, दस्ताने पहनकर पकड़ने चले, लेकि‍न डस लिया, 8 एंटी वेनम लगने पर...

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 07:00 AM (IST)

    Baghpat News बागपत न‍िवासी विकास रावत को जीवों से लगाव है। वे वर्षों से सांप पकड़ रहे हैं। अब तक 300 से अधि‍क सांप पकड़ चुके हैं। उन्हें हौज में कोबरा दि‍खाई दि‍या। उन्‍होंने सतर्कता बरतते हुए कोबरा को पकड़ने का प्रयास किया। दस्ताने पहने होने के बावजूद उनके हाथ में कोबरा ने डस लिया।

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    300 सांप पकड़ने वाले को कोबरा ने डसा (प्रतीकात्‍मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, बागपत। 300 सांप पकड़ने का दावा करने वाले व्यक्ति को कोबरा ने डस लिया। उन्‍हें जिला अस्पताल में आठ एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन लगाए गए। उधर, सोफे के नीचे सफाई करते समय एक महिला के हाथ में भी सांप ने डस लिया। एक युवक ने भी पैर में सांप के डसने का शक जताया। 

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    ग्राम खट्टा प्रहलादपुर निवासी व्यापारी 40 वर्षीय विकास रावत की गांव में आटा मिल, दुकानें व ट्रांसपोर्ट का काम है। सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे उन्हें मिल की हौज में कोबरा दिखाई दिया। विकास बताते हैं कि उन्होंने सतर्कता बरतते हुए कोबरा को पकड़ने का प्रयास किया। दस्ताने पहने होने के बावजूद हाथ में कोबरा ने डस लिया। उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर उपचार कराया। चिकित्सकों ने एंटी स्नेक वेनम के आठ इंजेक्शन लगाए। उनकी हालत में सुधार है।

    उधर, ग्राम बालैनी निवासी 35 वर्षीय सरिता यादव सोमवार शाम करीब आठ बजे सोफे के नीचे सफाई कर रही थीं। इस दौरान उनके हाथ में सांप ने डस लिया। उनके चिल्लाने पर स्वजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। चिकित्सकों ने उन्हें एंटी स्नेक वेनम के पांच इंजेक्शन लगाए। इसके अलावा ग्राम ट्यौढ़ी निवासी 21 वर्षीय अक्षित को मंगलवार को घर पर ही पैर में किसी जहरीले जीव ने काट लिया। उसने सांप के डसने का शक जताया और जिला अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से चेकअप कराया। चिकित्सकों ने उसे एंटी स्नेक वेनम के दो इंजेक्शन लगाए।

    डसने के बाद भी सांप को पकड़कर नहर में छोड़ा

    विकास रावत को जीव के प्रति लगाव है। उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए डसने के बाद भी कोबरा को पकड़ा, फिर सुरक्षित गांव के निकट नहर में छोड़कर आए। उन्होंने अपील की कि कोई भी सांप को न मारे। सांप का पारिस्थितिकी तंत्र में विशेष महत्व है।

    अब तो सांप पकड़ना बन गया शौक

    विकास रावत बताते हैं कि उन्होंने करीब 20 साल पहले भूसा व उपले सप्लाई का कार्य शुरू किया था। बिटौड़ों से उपले निकालते समय अक्सर सांप मिलते थे। तब बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता था। इसी दौरान एक संपेरे से सांप पकड़ने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद खुद ही सांप पकड़ने शुरू कर दिए थे। किसी के घर, दुकान या अन्य स्थान पर सांप होने की जानकारी मिलने पर तुरंत वहां पर पहुंच जाते हैं और सांप को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ देते हैं। वे करीब 300 सांप पकड़े जा चुके हैं। पांच-छह बार सांप उन्‍हें डस भी चुके हैं।