जगदीप धनखड़ के त्यागपत्र पर जयन्त चौधरी की खामोशी कुछ कहती है...
Bagpat News रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर चुप हैं जिससे पार्टीजन भी हैरान हैं। रालोद को राजग में लाने में धनखड़ की अहम भूमिका रही थी और दोनों के मधुर संबंध जगजाहिर हैं। जयन्त सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं पर उन्होंने जगदीप धनखड़ पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

आशु सिंह, जागरण, बागपत। राजनीति में कई बार खामोशी भी बहुत कुछ कहती है। इन दिनों ऐसी ही खामोशी रालोद अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जयन्त चौधरी ओढ़े हुए हैं। वे पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के त्यागपत्र पर मौन हैं। सोशल मीडिया या किसी अन्य मंच पर उनकी कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है। खुद उनकी पार्टी के लोग भी इस पर चकित हैं। सर्वविदित है कि रालोद के राजग से मिलन में पूर्व उपराष्ट्रपति की महती भूमिका रही थी। इसके साथ ही धनखड़ और जयन्त के मधुर संबंध भी जगजाहिर हैं।
समर्थक जगदीप धनखड़ पर प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में
पिछले चार दिन से जयन्त चौधरी (Jayant Chaudhary) अपने एक्स और फेसबुक पर खासे सक्रिय हैं और शिवरात्रि की शुभकामना सहित अपने मंत्रालय की उपलब्धियों के संबंध में पोस्ट कर रहे हैं। समर्थक जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) पर उनकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में हैं। लोकसभा चुनाव से पहले जब जयन्त चौधरी ने एनडीए के साथ आने का फैसला किया तो इसके पीछे बड़ी भूमिका पूर्व उपराष्ट्रपति की भी बताई गई थी।
कई अवसरों पर धनखड़ और जयन्त साथ-साथ दिखे
जयन्त के मंत्री बनने की बात हो या फिर पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह की जन्मतिथि या पुण्यतिथि, कई अवसरों पर धनखड़ और जयन्त साथ-साथ दिखे। इतना ही नहीं राज्यसभा में उन्होंने जयन्त का कई अवसरों पर साथ दिया।
जयन्त ने संबंधों को भरपूर निभाया
चौ. चरण सिंह को भारत रत्न से अलंकृत होने के बाद जयन्त जब राज्यसभा में सरकार का आभार प्रकट कर रहे थे तो कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने उन्हें निशाने पर लिया। इस पर जगदीप धनखड़ बहुत खिन्न हो गए थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि जयराम रमेश के व्यवहार से वे इतने आहत हैं जितने अपने पुत्र के निधन से भी नहीं हुए। जगदीप ने कहा था कि रमेश इस सदन के लायक नहीं हैं। जिस तरह सदन में धनखड़ ने जयन्त का साथ दिया, उसी तरह जयन्त ने भी संबंधों को भरपूर निभाया।
जयन्त ने जया बच्चन के बयान लेकर सवाल उठाए थे
पिछले मानसून सत्र में सपा सांसद जया बच्चन (Jaya Bachchan)और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हो गई थी, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। रालोद नेता जयन्त चौधरी ने जया बच्चन के बयान और उसके बाद विपक्ष के रवैये को लेकर सवाल उठाए और निंदा प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा था कि विपक्ष सुनियोजित तरीके से ऐसा व्यवहार कर रहा है।
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