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    Baghpat: 'पापा मुझे बचा लो, मैं मर जाऊंगा', 14 साल के अमन ने जब यह कहा तब ले गए अस्पताल, लेकिन हो चुकी थी बहुत देर

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 04:18 PM (IST)

    Baghpat News बागपत के खट्टा प्रहलादपुर गांव में एक किशोर की संदिग्ध मौत हो गई। रात में पीठ दर्द की शिकायत के बाद उसे डाक्टर के पास ले जाया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। किशोर को किस जहरीले जीव ने काटा यह स्पष्ट नहीं है पर गुहेरे के काटने की आशंका जताई जा रही है।

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    बागपत के गांव खट्टा प्रहलादपुर निवासी अमन का फाइल फोटो

    संवाद सूत्र, जागरण. चांदीनगर (बागपत)। घर में सोए किशोर को किसी जहरीले जीव ने काट लिया। स्वजन ने पहले तो उसे गांव के ही निजी चिकित्सक को दिखाया, लेकिन हालत खराब होने पर उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। किशोर को किस जीव ने काटा है, यह स्पष्ट नहीं है। कोई सांप के काटने से मौत होने की आशंका जाहिर कर रहा है तो कोई गुहेरे के काटने की बात कह रहा है।

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    कक्षा छह का छात्र था अमन

    गांव खट्टा प्रहलादपुर निवासी 14 वर्षीय अमन पुत्र सलीम गांव के ही सरस्वती शिक्षा निकेतन जूनियर हाईस्कूल में कक्षा छह का छात्र था। बुधवार रात वह तालाब के नजदीक बने अपने मकान में स्वजन के साथ सोया हुआ था। रात करीब 11 बजे वह उठ गया और पिता से पीठ में दर्द होने की शिकायत की। स्वजन उसे गांव के ही एक निजी चिकित्सक के यहां ले गए, जहां उसे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।

    एक घंटे बाद चिल्लाने लगा अमन

    एक घंटे बाद अमन चिल्लाने लगा और उसकी हालत बिगड़ने लगी। स्वजन उसे रात में ही जिला अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बाद में स्वजन उसे बड़ौत के आस्था हास्पिटल में ले गए। वहां भी चिकित्सकों ने मौत की पुष्टि कर दी। बाद में स्वजन उसे शामली के किसी गांव में झाड़फूंक करने वाले के यहां भी ले गए। वहां भी अमन को मृत घोषित कर दिया। स्वजन उसे गांव वापस ले आए। गुरुवार शाम अमन के शव को गांव के कब्रिस्तान में सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। सलीम की अब तीन बेटियां हैं।

    रात में स्वजन ने समझा मामूली दर्द समझा

    रात में अमन ने पीठ में दर्द होने की शिकायत की तो स्वजन ने मामूली दर्द समझा। स्वजन ने दर्द वाले स्थान को नहीं देखा। निजी चिकित्सक ने भी बिना पीठ देखे दवाई देकर घर भेज दिया। दवाई लेने के एक घंटा बाद जब अमन की हालत बिगड़ गई और उसने अपने पिता से कहा कि 'पापा मुझे बचा लो... मैं मर जाऊंगा', तब जाकर स्वजन ने उसकी पीठ देखी और कटे का निशान होने पर उसे जिला अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो अमन की जान बच सकती थी।