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    यूपी के इस जिले में कुत्तों के साथ-साथ गीदड़ भी करने लगे हमला, इनके काटने से भी हो सकता है रेबीज, बरतें सावधानी

    Baghpat News बागपत में गीदड़ों के आतंक से किसान परेशान हैं। खेतों में काम करते समय गीदड़ हमला कर रहे हैं। वन विभाग ने किसानों को अपनी सुरक्षा के लिए खेतों में लाठी लेकर जाने की सलाह दी है। गीदड़ के हमले से रेबीज का खतरा भी बढ़ गया है इसलिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

    By Kapil Kumar Edited By: Praveen Vashishtha Updated: Thu, 28 Aug 2025 09:58 PM (IST)
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    अब गीदड़ भी करने लगे हमला, किसान खुद को मान रहे असुरक्षित (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, बागपत। बेशक गीदड़ को शर्मिला और डरपोक जानवर बताया जाता है, लेकिन अब वो भी हमला करने लगे हैं। खेत में कार्य करते समय गीदड़ ने एक मजदूर पर हमला कर दिया। इससे वह घायल हो गया। पूर्व में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। इससे किसान खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि जंगल में बड़ी संख्या में गीदड़ हैं। उसने बचाव करना बहुत मुश्किल है। गली-मुहल्ले में कुत्ते और जंगल में गीदड़ सिरदर्द बन गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों की अपील है कि किसान अपने बचाव के लिए खेत में डंडा लेकर जाए।

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    कुत्तों के साथ-साथ गीदड़ के हमले से घायल व्यक्ति को रेबीज फैलने की संभावना है। गांव से लेकर शहर तक कुत्तों का आतंक है। शायद ही कोई गली, मुहल्ला होता, जहां पर आवारा कुत्ते के झुंड न हो। उनके हमले से प्रतिदिन सैकड़ों लोग घायल अवस्था में अस्पतालों में पहुंचते हैं। खेतों में कुत्ते से राहत है तो वहां पर गीदड़ ने सिर दर्द बन गए हैं।

    खेत में किया हमला

    रमाला थाना क्षेत्र के सोंटी गांव में श्रमिक मोमिन गन्ने की फसल बांधने के लिए खेत में गए थे, जहां पर गीदड़ ने उन पर हमला कर दिया। वह गंभीर रूप से घायल हो गए। स्वजन ने उनका उपचार कराया। यह पहली घटना नहीं है। पूर्व में कई लोगों पर विभिन्न स्थानों पर गीदड़ हमला कर चुके हैं।

    गीदड़ के हमले के बाद हो गया था रेबीज

    कई वर्ष पूर्व दोघट थाना क्षेत्र के आदमपुर गांव में तो गीदड़ के हमले के बाद घायल व्यक्ति को रेबीज हो गया था, जिसकी मृत्यु हो गई थी। उनके द्वारा एंटी रेबीज का टीकाकरण नहीं कराया गया था। आलम यह है कि गीदड़ के हमले के बाद अन्य किसान अपने खेतों में जाने से कतराने लगे हैं। उन्हें डर की कहीं गीदड़ उन पर हमला न कर दे। किसान सुक्रमपाल, नरेशपाल, राजेंद्र आदि का कहना है कि खेतों में दिन व रात के समय जाना पड़ता है। गीदड़ से हमले का डर लगने लगा है। उनकी मांग है कि वन विभाग की टीम अभियान चलाकर गीदड़ पकड़े।

    गीदड़ के हमले में घायल होने पर लगवाएं एंटी रेबीज का इंजेक्शन

    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बागपत डा. अरविंद त्रिपाठी कहते हैं कि गीदड़ के हमले से यदि कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज का टीकाकरण अवश्य कराए। कुत्ते की तरह गीदड़ के हमले से घायल व्यक्ति को रेबीज हो सकता है।

    असुरक्षित महसूस करने पर करता है हमला

    वन क्षेत्राधिकारी बागपत श्रवण कुमार कहते हैं कि गीदड़ शर्मिला व डरपोक जानवर होता है। इंसान को देखकर भाग जाता है। सामान्यत: व्यक्ति पर हमला नहीं करता है। खुद को असुरक्षित महसूस करने या प्रताड़ना होने पर गीदड़ हमला कर देता है। किसानों से अपील है कि अपने बचाव के लिए खेत में डंडा लेकर जाए। यदि किसी पर गीदड़ हमला कर देता है तो एंटी रैबीज का टीकाकरण कराए।