Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यकीन करना मुश्किल है, लेकिन यह सच है कि यूपी के इस जिले में बंदरों ने ही लंगूर को दौड़ा लिया

    Baghpat News बागपत में कलेक्ट्रेट परिसर में लंगूर और बंदरों के बीच लड़ाई होने से अफरातफरी मच गई। फरियादी डर के मारे इधर-उधर छिप गए। कैंटीन संचालक ने हिम्मत दिखाते हुए बंदरों को भगाया। विशेषज्ञों के के अनुसार लंगूर बंदरों से अधिक बलवान होते हैं लेकिन बंदर समूह में होने पर उनका सामना कर सकते हैं।

    By Kapil Kumar Edited By: Praveen Vashishtha Updated: Wed, 27 Aug 2025 02:08 PM (IST)
    Hero Image
    बागपत कलक्ट्रेट में लंगूर के पीछे भागता बंदर। जागरण

    जागरण संवाददाता, बागपत। प्राकृतिक स्थिति तो ये है कि लंगूर को देखते ही बंदर डरकर भाग जाते हैं। बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों को वन विभाग एवं नगर पालिकाएं बुलवाती हैं, लेकिन मंगलवार को कलक्ट्रेट में कुछ ऐसा हुआ जिसपर विश्वास करना कुछ मुश्किल है। कलक्ट्रेट परिसर में बंदरों के झुंड ने दो लंगूरों को दौड़ा लिया। परिसर में अफरा-तफरी मच गई। फरियादी कैंटीन व अन्य कार्यालयों में दुबक गए। कैंटीन संचालक राजू जैन ने हिम्मत दिखाते हुए बंदरों को भगाया। उसके बाद ही फरियादी बाहर निकले।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे दो लंगूर अचानक कलक्ट्रेट में पहुंच गए, जिन्हें देख बंदर इधर-उधर भागने लगे। देखते ही देखते बंदरों की संख्या बढ़ती गई। दोनों गुटों में लड़ाई से अफरा-तफरी मच गई। काफी देर तक लड़ाई चलती रही, जिस कारण कलक्ट्रेट में आए फरियादी इधर-उधर दुबक गए। कैंटीन संचालक ने साहस कर बंदरों को भगाया।

    जीव विज्ञान के प्रवक्ता अशोक बंधु का कहना है कि लंगूर से सामान्यत: बंदर डरते हैं, जिसकी मुख्य वजह लंगूर का बंदर से बलिष्ठ होना है। कभी-कभी ऐसा होता है कि बंदरों का समूह लंगूर के व्यवहार से वाकिफ होकर उसका सामना करने लगते हैं, लेकिन बंदर समूह में हों तभी ऐसा संभव है। उधर, वन क्षेत्राधिकारी श्रवण कुमार का कहना है कि जंगल से लंगूर बस्ती में आमतौर पर आ जाते हैं। लोगों द्वारा जिन स्थानों पर सामान्यत: खाना खिलाया जाता है, उसी के आसपास लंगूर दिख जाते हैं। संख्या अधिक होने की स्थिति में बंदर, लंगूर पर शक्ति प्रदर्शन कर देते हैं।