मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है स्वस्थ शरीर
स्वस्थ शरीर ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी होती है। स्वास्थ्य जीवन खुशहाल मन और मानव जीवन का नियामत है।
बदायूं: स्वस्थ शरीर ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी होती है। स्वास्थ्य जीवन खुशहाल मन और मानव जीवन की नियामत है। स्वस्थ होने से तात्पर्य केवल रोगमुक्त जीवन ही नहीं, बल्कि पूरी तरह से फिट होना भी है और इसकी प्राप्ति-संतुलित आहार, व्यायाम, आराम, तनावमुक्ति, मनोरंजन से होती है। सबकुछ होने पर भी यदि मनुष्य के पास स्वास्थ्य नहीं तो समझो उसके पास कुछ नहीं है। यह सब जानते हुए भी हम में से ज्यादातार लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हैं, जबकि हल्की कोशिश से हम सेहत के सरताज बन सकते हैं। रोजाना आधा घंटा समय निकालकर व्यायाम करें तो बहुत सी बीमारियों से दूर सकते हैं।
आजकल युवाओं में पीढ़ी फिटनेस के प्रति जागरुकता बढ़ रही है। सेलिब्रिटीज के वीडियो देखकर वर्कआउट करने का चलन बढ़ रहा है। अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए एरोबिक एक्टिविटी सर्वश्रेष्ठ है। इसमें कम समय में काफी कैलोरी बर्न की जा सकती हैं। अक्सर देखा जाता है कि विद्यार्थी फिटनेस को गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि स्वास्थ्य रहने के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है। उम्र चाहें कुछ हो व्यायाम आवश्यक है। सात्विक, संतुलित, शाकाहारी, संपूर्ण आहार का सेवन करें। सुबह को ज्यादा भोजन लें, दोपहर में उससे थोड़ा कम और रात को बहुत कम। खाने के तुरंत बाद सोना खतरनाक होता है। यदि विद्यार्थी को कोई तनाव है तो अपने साथी, शिक्षक के साथ बांटना चाहिए। स्वयं को तनावमुक्त रखें। खुलकर मुस्कुराएं व हंसें। आज का कार्य आज ही करें, कल पर न टालें, समय प्रबंधक से न बचें। मनोरंजन कार्य से नष्ट ऊर्जा दोबारा संतुलित अवस्था में लाकर फिट महसूस कराती है। विद्यार्थियों के फिटनेस में पर्यावरण भी सबसे बड़ा अवरोधक है। वायु प्रदूषण का सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। जिसकी वजह से ओपीडी, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर, श्वास रोग जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
दिन रात मेहनत करने वाले प्रधानमंत्री हमेशा फिट नजर आते हैं। उन्हें बीमार नहीं देखा गया। इसके पीछे का कारण जानना चाहिए। वह सुबह चार बजे उठकर योग करते हैं, सुबह टहलते हैं, हल्का नाश्ता, गुनगुना पानी पीना, उपवास में सिर्फ नीबू पानी पीते आदि करते हैं। खेलो इंडिया नेशनल फिटनेस एसेसमेंट प्रोग्राम को केंद्र सरकार सभी सरकारी, प्राइवेट, सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू कर रही है। सरकार एक सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप भी डेवलप कर रही है। जिसकी मदद से स्कूली छात्र-छात्राएं या उसके माता-पिता बच्चे की फिटनेस जांच सकेंगे। सरकार फिट बच्चों को स्पोर्टस में जाने की ट्रे¨नग देगी। अंत में यह कहा जा सकता है कि अच्छा सोचो, नियमित व्यायाम, हेल्थी भोजन, कड़ी मेहनत, ¨चतामुक्त बनकर रहें। शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है। नहीं नहीं तो अपने दिमाग को मजबूत एवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे।
मधु शर्मा, प्रधानाचार्य
पार्वती आर्य कन्या संस्कृत इंटर कॉलेज, बदायूं
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