पहले हफ्ते भर नहीं होती थी मरम्मत, अब 'ऑन द स्पॉट' काम: जानें 35 लाख के जुर्माने का असर
जून-अगस्त में 64 से अधिक बसों की मरम्मत में देरी से निगम को ₹35 लाख का नुकसान हुआ। इस लापरवाही के लिए ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने मरम्मत ठेकेदार RK ऑटोमोबाइल पर ₹35 लाख का जुर्माना लगाया। अब कंपनी को बिना वजह खड़ी बस की रोज की आमदनी चुकानी होगी।
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बदायूं बस अड्डा
उमेश राठौर, जागरण, बदायूं। परिवहन निगम में अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अब आरके आटोमोबाइल्स कंपनी को तत्काल बसों की मरम्मत करनी होगी। अगर एक भी दिन बसों को बिना वजह खड़ा रखा गया तो कंपनी पर सीधा जुर्माना ठोंका जाएगा और जो भी बसों से आमदनी होगी। वह आटोमोबाइल्स कंपनी से वसूली जाएगी।
पिछले लंबे समय से लगातार लापरवाही हो रही थी, जिस पर परिवहन निगम को काफी नुकसान हो रहा था। इसकी वजह से निगम ने आरके आटोमोबाइल्स कंपनी पर 35 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका। उसके बाद से काफी सुधार आया है। अब तत्काल बसों की मरम्मत कराई जा रही है। अगर एक दिन भी बस खड़ी रखी तो उससे होने वाली आमदनी आटोमोबाइल्स कंपनी को चुकानी होगी।
परिवहन निगम में 108 सरकारी और 44 अनुबंधित बसें हैं, जिनमें दो ऐसी बसें हैं। इस समय सभी बसें संचालित हो रही हैं लेकिन एक दौर था जब सरकारी बसों की संख्या ज्यादा थी और संचालन बहुत कम बसों का हो रहा था। हर समय वर्कशाप में 15 से 20 बसें खड़ी रहती थीं, जिनकी मरम्मत समय पर नहीं हो पा रही थी। किसी का गियर बाक्स खराब होता था, तो किसी की क्लिच प्लेट समय पर नहीं बदली जा रही थी। लगातार चालक परिचालक इसकी शिकायत करते थे।
एक-एक हफ्ता बीत जाता था, तब कहीं रोडवेज बसों के मरम्मत होती थी और इसके बावजूद आधा अधूरा काम करके बस को सौंप दिया जाता था। दो साल पहले परिवहन निगम में रोडवेज बसों के मरम्मत निजी कंपनी के हाथों में पहुंच गई और बदायूं डिपो में मरम्मत का ठेंका का आरके आटोमोबाइल्स कंपनी को मिला। शुरुआती दौर में कंपनी में कर्मचारी भी कम थे और समय पर काम भी नहीं हो रहा था। लगातार लापरवाही बरती जा रही थी, जिसकी वजह से परिवहन निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था।
जून 2025 में 64 गाड़ियों की मरम्मत समय पर नहीं हो पाई, जिससे निगम को 17 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इसी तरह जुलाई में 31 बसों के मरम्मत नहीं हुई, जिसमें 13 लाख रुपये का नुकसान हुआ। तमाम कोशिशों के बावजूद अगस्त में भी तीन बसों की मरम्मत समय पर नहीं हो पाई, जिससे निगम को पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ। लगातार हो रहे नुकसान की वजह से परिवहन निगम ने यह पूरा 35 लाख रुपये का जुर्माना आरके आटोमोबाइल्स कंपनी पर डाल दिया। उसके बाद कंपनी मालिक और कर्मचारियों के होश उड़ गए।
तत्काल प्रभाव से कंपनी मालिक और सभी कर्मचारी सक्रिय हो गए। यहां डिपो में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई। मरम्मत का काम भी तत्काल शुरू करा दिया गया। सितंबर महीने में यह हालत रही कि अगर कोई बस खराब हुई तो उसकी तत्काल मरम्मत भी करा दी गई और तत्काल ही चालक परिचालकों के हवाले कर दी गई। उसके बाद से लगातार बसों की मरम्मत हो रही है। एआरएम ने कहा है कि अगर कोई भी बस बिना वजह रोकी गई, तो उसका जुर्माना भी कंपनी पर डाला जाएगा। परिवहन निगम किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाएगा।
अब मरम्मत को लेकर शिकायत नहीं कर रहे चालक परिचालक
परिवहन निगम में एक समय था, जब चालक पररिचालकों की शिकायतें आम हो गई थीं। उनकी बसों की मरम्मत भी समय पर नहीं हो पा रही थी, जिसकी वजह से उनकी ड्यूटी भी पूरी नहीं हो पा रही थी। वह कई कई दिन वर्कशाप में पड़े रहते थे लेकिन अब जब से एआरएम ने मरम्मत कंपनी पर जुर्माना ठोका है तब से शिकायतें आना बंद हो गई हैं। इधर चालक परिचालक बस खड़ी करते हैं दूसरी ओर उसकी मरम्मत करा दी जाती है और फिर चालक परिचालक अपने रूट पर निकल जाते हैं।
मेरे आने से पहले रोडवेज बसों की मरम्मत समय पर नहीं हो पा रही थी। मरम्मत कंपनी आने के बाद भी यह हालत थी, जिसकी वजह से निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। जून में 64 बसों की मरम्मत समय नहीं हो पाई। तब कंपनी पर 17 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका। जुलाई में 31 बसों की मरम्मत समय नहीं हुई तो 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अगस्त में तीन बसें खड़ी रहीं तो पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसका असर यह हुआ कि कंपनी ने तत्काल मरम्मत करना शुरू कर दी। अब बसों की मरम्मत उसी समय कर दी जाती है। अब कोई बस खड़ी नहीं होती।
- राजेश पाठक, एआरएम
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