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    7 चीनी मिलों पर ₹37 करोड़ बकाया: बकायेदारी से खाली पड़े गन्ना केंद्र, किसान परेशान

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 10:38 PM (IST)

    7 चीनी मिलों पर किसानों का ₹37 करोड़ बकाया है, जिसमें यदु मिल पर सर्वाधिक ₹30 करोड़ की देनदारी है। भुगतान न होने से गन्ना क्रय केंद्र खाली पड़े हैं। सरकार 14 दिन में भुगतान की बात कहती है, पर मिलें वादा तोड़ रहीं। दलाल सस्ते में गन्ना खरीद रहे हैं।

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    गन्‍ने से लदी ट्रैक्‍टर ट्राली

    प्रवेश राठौर, जागरण, सिलहरी। जिले में गन्ना खरीद शुरू हो चुकी हैं। जिले के किसानों का गन्ना खरीदने वाली सात चीनी मिलों ने अपने 82 क्रय केंद्र बनाए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 43 केंद्र अकेले यदु शुगर मिल बिसौली के हैं। किसानों की शिकायत थी कि हर बार की तरह इस बार भी माफिया क्रय केंद्रों के पास मडराने लगे हैं। दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को जिले में बनाए गए गन्ना क्रय केंद्रों की पड़ताल की तो पता चला किसान चीनी मिलों के रवैये से संतुष्ट नहीं है। बताया गया कि चीनी मिलों पर करीब 37 करोड रुपये बकाया है।

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    सबसे ज्यादा करीब 30 करोड़ रुपये का बकाया अकेले यदु चीनी मिल पर है। इसी मिल के सबसे ज्यादा क्रय केंद्र भी हे। इसी के चलते अधिकतर केंद्रों पर सन्नाटा जैसा ही था। इक्का दुक्का किसान ही अपना गन्ना लेकर आए थे। बताया कि अब जिन मिलों पर बकाया है, वह संबंधित किसानों के पास जाकर जल्द भुगतान करने का आश्वासन दिया है। इसके चलते किसान अब धीरे धीरे क्रय केंद्रों की ओर बढ़ रहे हैं। यह भी बताया कि दलाल और गन्ना माफिया सक्रिय हैं। वह भी किसानों को जल्द भुगतान करने की बात कहकर सस्ते दामों में गन्ना खरीद रहे हैं।

    चंदऊ केंद्र पर दो किसान ही गन्ना लेकर केंद्र पहुंचे

    चंदऊ का गन्ना क्रय केंद्र यदु शुगर मिल का है। यहां केंद्र पर सन्नाटा ही था। केंद्र पर मौजूद मिले दो किसानों ने बताया कि मिल पर किसानों का पहले से ही बकाया चल रहा है। इसलिए किसान दूसरा ठिकाना ढूंढ रहे हैं। बताया कि कुछ दिन पहले मिल ने दिसंबर में भुगतान करने का आश्वासन दिया है। इसके चलते कुछ किसान आने लगे हैं। लेकिन पूरा गन्ना नहीं आ रहा है।

    बेला केंद्र पर मिले कुछ किसान, बोले- मजबूरी में लाए

    बेला गांव में भी यदु शुगर मिल का ही क्रय केंद्र स्थापित है। यहां भी सोमवार को कुछ किसान ही मौजूद मिले। दो से तीन ट्रैक्टर ट्राली गन्ना लेकर आए थे। बोले कि आसपास दूसरा कोई केंद्र ही नहीं है, इसलिए पास में होने के चलते इसी केंद्र पर ले आए हैं। भुगतान जल्द करने के लिए कहा है। देखते हैं इस बार वायदा पूरा करते हैं या नहीं। सरकार तो 14 दिन में भुगतान की कह रही है। लेकिन अमूमन मिल संचालक ऐसा करते नहीं हैं।

    किसरुआ केंद्र पर किसान बोले प्राइवेट लोग भी काट रहे चक्कर

    किसरुआ गन्ना क्रय केंद्र पर किसान अपना गन्ना लेकर आए थे। कुछ किसानों ने बताया कि उनका भुगतान हाल ही में हो चुका है। इसलिए इसी केंद्र पर ले आए। लेकिन किसानों ने यह भी बताया कि प्राइवेट लोग भी गन्ना लेने आ रहे हैं। बताया कि वह तत्काल भुगतान दे रहे हैं। लेकिन हम लोग क्रय केंद्र पर ही गन्ना बेच रहे हैं। इस बार सरकार ने गन्ना के दाम भी बढ़ाए हैं।

    मोगर केंद्र पर किसानों को आ रही तोलाई में समस्या

    मोगर केंद्र पर जब जागरण की टीम पहुंची तो यहां काफी संख्या में किसान मौजूद थे। बताया कि यहां माफिया और दबंग हावी है। वह आते हैं और अपनी तौल करा कर चले जाते हैं। जबकि गरीब और मजबूर किसान दो से तीन दिन तक अपनी ट्रैक्टर ट्राली लेकर खड़ा रहता है। यहां से उठान नहीं हो पा रही है। किसानों को समस्या आ रही है। लेबर की व्यवस्था भी नहीं है। मजबूरी में माफिया को भी कुछ किसानों ने अपना गन्ना बेच दिया।

    रूपापुर चीनी मिल हरदोई के छह केंद्रों पर सब ठीक

    इस बार गुलिया और आमगांव में तीन तीन क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इस आमगांव में पहली बार केंद्र बने हैं। यहां मौजूद किसानों ने बताया कि यहां पर उठान से लेकर भुगतान तक की व्यवस्था ठीक है। बताया कि जब नया केंद्र बना था तो नौ रुपये भाड़ा काटे जाने की बात कही गई थी, लेकिन अब भीड़ बढ़ते ही यहां पर 12 रुपये प्रति क्विंटल काटा जा रहा है। बाकी कोई समस्या नहीं है।

     

    जिले के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान लगातार कराया जा रहा है। पिछले दो दिनों में भी कुछ भुगतान हुआ है। गन्ना क्रय केंद्रों पर भी किसान पहुंच रहे हैं। अगर कहीं कोई समस्या आ रही हो तो किसान सीधे संपर्क कर सकते हैं। गन्ना खरीद पारदर्शी तरह से कराई जा रही है।

    - अशर्फीलाल, जिला गन्ना अधिकारी


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