देवरिया में किया डिजिटल अरेस्ट, बदायूं के पंप पर डलवाए रुपये, सीतापुर का साइबर ठग गिरफ्तार
अब साइबर ठगों ने ऑनलाइन भुगतान लेने वाले दुकानदार, पेट्रोल पंप और अन्य प्रतिष्ठानों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। इसी तरह कोतवाली क्षेत्र में बीमा ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, उझानी। अब साइबर ठगों ने ऑनलाइन भुगतान लेने वाले दुकानदार, पेट्रोल पंप और अन्य प्रतिष्ठानों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। इसी तरह कोतवाली क्षेत्र में बीमारी का बहाना बनाकर दो बार साइबर ठगी के रुपयों का भुगतान करा चुका सीतापुर का एक साइबर ठग पकड़ा गया, जबकि उसके दो साथी मौके से फरार हो गए। वह बरेली के बताए जा रहे हैं। उन्होंने देवरिया के एक परिवार को डिजीटल अरेस्ट किया था और धमकी देकर यहां पेट्रोल पंप के बार कोड पर बीस हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए।
कोतवाली क्षेत्र के गांव नरऊ निवासी संजीव कुमार पुत्र राजवीर सिंह जजपुर के नजदीक ज्ञान फिलिंग स्टेशन पंप पर मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर को एक युवक पेट्रोल पंप पर आया था और उसने बताया था कि उसके परिवार का सदस्य राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती है। उसे नकद रुपयों की जरूरत है।
वह अपने घर से कुछ रुपये ट्रांसफर करवा रहा है, जो यहां निकाल कर दे दें, जिससे वह अपने सदस्य का उपचार करा सके। उसने क्यूआर कोड भेज कर 50 हजार ट्रांसफर कराए थे और मैनेजर से नकद रुपये लेकर चला गया। 20 दिसंबर को उसने 51 हजार रुपये और 21 दिसंबर को 10 हजार रुपये ट्रांसफर कराए। इस दौरान वह आधार कार्ड की एक-एक फोटो कापी भी दे दिया गया लेकिन जब मैनेजर ने गहनता से उसकी छानबीन की तो पता चला कि सभी आधार कार्ड की फाेटो कापी फर्जी थी। किसी पर नाम एक था तो पता दूसरा था, तो किसी पर पता एक था तो नाम अलग-अलग थे।
उसने 22 दिसंबर को यहां 49 हजार रुपये ट्रांसफर कराए। जब वह नकद रुपये लेने पहुंचा तो मैनेजर ने उसे बैठा लिया और पुलिस को सूचना दे दी, जिससे पुलिस ने पंप पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया और जब कोतवाली ले जाकर उससे पूछताछ की गई तो वह साइबर ठगों के गिरोह का सदस्य निकला।
उसने अपना नाम रोहित पुत्र राजाराम निवासी ग्राम तेंदुआ थाना पिसावा जिला सीतापुर बताया। उसने कहा कि वह इस समय बरेली रह रहा है। उसने अपने साथियों की मदद से देवरिया के सूरज निषाद के परिवार को डिजिटल अरेस्ट किया था। उसके साथियों ने सूरज की पत्नी को काल करके बताया था कि उन्होंने सूरज को गिरफ्तार कर लिया है।
अगर रुपये ट्रांसफर नहीं किए तो वह उसे जान से मार देंगे। इससे सूरज की पत्नी डर गई और उसने यहां से भेजे गए बार कोड पर रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब सूरज की पत्नी ने अपने देवर राकेश निषाद को बताया तो उन्होंने वहां की पुलिस को सूचना दी। इधर उझानी कोतवाली पुलिस कार्रवाई करते हुए शुक्रवार शाम रोहित को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पेट्रोल पंप से रुपये निकालना सबसे आसान तरीका
विवेचक एसआई शिवकुमार ने बताया कि पूछताछ में रोहित ने कबूल किया कि यहां मेडिकल कॉलेज की वजह से रुपये निकालना सबसे आसान लगा। उसने मेडिकल कॉलेज में ही अपने परिवार के सदस्य को भर्ती होना बताया था। इससे मैनेजर उसकी बातों में आ गया। मैनेजर को रुपये के बदले रुपये मिल रहे थे। इससे उसने भी रुपये दे दिए, लेकिन उसी को उसके बार-बार आने पर शक हुआ। तब वह पकड़ा गया। उसके साथ दो और लोग आए थे। वह बरेली के बताए गए हैं। उनकी तलाश में टीम लगा दी गई है।

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