सैदपुर में SIR सर्वे में गड़बड़ी: BLO को अधूरा प्रशिक्षण, डेटा मैपिंग फेल होने से तीसरे विकल्प का चयन
अधूरा प्रशिक्षण और डेटा मैपिंग फेल: सैदपुर में शिक्षकों व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को BLO बनाया गया, पर प्रशिक्षण ठीक से नहीं मिला। ऐप में 2003 की वोटर लिस्ट का डेटा न मिलने से BLO विवश होकर गलत विकल्प चुन रहे हैं, जिससे गंभीर कानूनी समस्याएं हो सकती हैं।
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एसआइआर के लिए फार्म जमा करने को जमा लोग
संसू जागरण, सैदपुर। कस्बे में चल रहे एसआइआर कार्यों में अव्यवस्था लगातार सामने आ रही है। बीएलओ के तौर पर शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है, जिनमें से करीब पांच कार्यकर्ता ने मात्र चार माह पहले ही अपनी ज्वाइनिंग की है। उनका कहना है कि प्रशिक्षण के नाम पर बस एक बार तहसील बुलाया गया था।
इसके बाद सीधे उन्हें बीएलओ की जिम्मेदारी सौंप दी गई, जिसके चलते कार्यों में गंभीर दिक्कतें सामने आ रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पहले इन कर्मचारियों को उचित ट्रेनिंग दी जाती, तो ऐसी समस्याएं उत्पन्न ही नहीं होतीं। कस्बे के विभिन्न भागों की लिस्टों में भारी खामियां होने के कारण मतदाता इधर-उधर भटक रहे हैं। कई लोगों ने निर्वाचन आयोग को मेल कर इस समस्या से अवगत भी कराया है।
सोमवार को नगर पंचायत हाल में बीएलओ मौजूद रहे, लेकिन एसआइआर फार्म में पूरी जानकारी भरने के बावजूद बीएलओ एप पर पहले और दूसरे विकल्प में डेटा नहीं मिल रहा है। एप बार बार डेटा नाट फाउंड दिखा रहा है। जिससे बीएलओ विवश होकर तीसरे विकल्प का चयन कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने बीएलओ एप पर आनलाइन भरे जाने वाले गणना पत्रों के लिए तीन विकल्प दिए हैं। जिसमें मतदाता का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है।
आपके संबंधी (माता-पिता, दादा-दादी, चाचा-चाची) का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है। न आपका और न ही आपके किसी संबंधी का नाम 2003 की वोटर लिस्ट में है। लेकिन वर्तमान स्थिति में डेटा मैपिंग पूरी न होने के कारण पहले दो विकल्प चुनने पर डिटेल उपलब्ध नहीं हो रही है। परिणामस्वरूप अधिकांश बीएलओ तीसरा विकल्प चुनकर फार्म सबमिट कर रहे हैं, जबकि कई ऐसे लोग हैं जिनके परिवार के सदस्यों के नाम वर्ष 2003 की सूची में मौजूद हैं।
लोगों का कहना है कि यह स्थिति भविष्य में परेशानी खड़ी कर सकती है, क्योंकि तीसरा विकल्प चुनने वाले आवेदकों को नोटिस जारी होने की आशंका है। इस पूरी अव्यवस्था को लेकर कस्बे में नाराजगी बढ़ रही है। स्थानीय नागरिकों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि डेटा मैपिंग को दुरुस्त कर सही विकल्प पर फार्म भरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि आगे किसी भी प्रकार की समस्या पैदा न हो और एसआइआर कार्य सुचारू रूप से पूर्ण हो सके।
एसआइआर का कार्य तेजी से चल रहा है। कहीं कोई दिक्कत नहीं आ रही है। अगर कहीं परेशानी आ रही है तो वह तहसील में संपर्क कर सकते हैं। सभी बीएलओ को भी प्रशिक्षण दिया गया है। अगर किसी बीएलओ को कुछ समझ नहीं आ रहा तो वह तहसील जाकर संपर्क कर सकता है।
- डा. वैभव शर्मा, एडीएम एफआर
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