SIR in UP: बदायूं में एसआईआर में लापरवाही करने पर 86 कार्मिकों का वेतन रोका, SDM सदर ने दी कार्रवाई की चेतावनी
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, बदायूं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चल रहे इस अभियान के तहत विधानसभा क्षेत्र–115 बदायूं व विधानसभा क्षेत्र–116 शेेखुपुर में अब तक 5 प्रतिशत से कम गणना प्रपत्र उपलब्ध कराने वाले कुल 86 कार्मिकों का वेतन रोक दिया गया है। इनमें 34 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 26 रोजगार सेवक, 23 शिक्षामित्र, 19 अनुदेशक और चार सहायक अध्यापक शामिल हैं।
उप जिलाधिकारी/निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी मोहित कुमार ने बताया कि चार नवंबर से शुरू हुए इस कार्य में लगातार लापरवाही के मामले सामने आने पर ऐसे कार्मिकों को चिन्हित किया जा रहा है, जो लगातार लापरवाही कर रहे हैं। इसके चलते ही सोमवार तक एसआइआर के कार्य में लगे जिन कर्मियों का कार्य संतोष जनक नहीं पाया गया है। उनका वेतन रोका गया हे।
बताया कि संबंधित विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि दो दिनों के अंदर प्रगति में सुधार न होने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की प्रावधानों तथा अन्य विभागीय नियमों के तहत इन कार्मिकों के विरुद्ध संबंधित थानों में प्राथमिकियां दर्ज कर दी जाएंगी।
एसडीएम ने बताया कि निर्वाचन नामावलियों का डिजिटिलाइजेशन एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। इसके प्रति किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसआइआर प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सभी को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएम ने मुख्यालय छोड़ने पर लगाई रोक
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कार्य को निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। इस अभियान को गति देने के लिए जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी बदायूं ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि पुनरीक्षण कार्य में लगे सभी अधिकारी, कर्मचारी और अध्यापक बिना पूर्वानुमति जिले से बाहर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि अ
परिहार्य स्थिति में मुख्यालय छोड़ने के लिए जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। जिलाधिकारी ने डिजिटाइजेशन की धीमी गति पर चिंता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को क्षेत्र में रहकर बीएलओ द्वारा गणना प्रपत्रों के संग्रहण और डेटा अपलोड की निगरानी के निर्देश दिए। एसआइआर संबंधी सहायता हेतु कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।

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