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    क्राइम पेट्रोल देख सीखा तरीका : साक्ष्य मिटाने की कर रहे थे तैयारी, ऐसे रची पुजारी की हत्या की पूरी साजिश

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 11:36 PM (IST)

    बदायूं पुलिस ने पुजारी हत्याकांड का किया सफल खुलासा। क्राइम पेट्रोल देखकर हत्या करने वाले तीनों आरोपी (विशेष, नितेश, हिमांशु) पकड़े गए। सबूत मिटाने के लिए डीवीआर को जलाकर ₹20 में बेचा गया था, जिसे पुलिस ने बरामद किया। CCTV फुटेज और CDR ने अपराधियों की पहचान की। पुलिस मकान मालिक को सम्मानित करेगी।

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    पुलि‍स की पकड़ में आरोप‍ित

    जागरण संवाददाता, बदायूं। हत्यारोपित साले-बहनोई ये अच्छी तरह जानते थे कि यह बिल्कुल नजदीकी मामला है। उन्हें पुजारी मनोज की हत्या करना इतना सरल नहीं है। हत्या करके भागना उन्हें मुश्किल पड़ सकता है। इससे वह कई दिनों से तैयारियां कर रहे थे। उन्हें हत्या कैसे करनी है, उन्हें कैसे साक्ष्य मिटाने हैं, ये सब उन्होंने क्राइम पेट्रोल देखकर सीखा था। इससे वह डीवीआर भी उखाड़ ले गए थे और बाद में उन्होंने डीवीआर के अपने कपड़े भी जला दिए थे, जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाए।

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    उन्हें भ्रम था कि डीवीआर और कपड़े जल जाएंगे तो पुलिस को उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। कुछ हद तक उनकी साजिश कामयाब भी रही लेकिन सामने वाले मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में उनकी कद कांठी कैद हो गई और पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। सर्वेश्वर सांईं मंदिर के पुजारी मनोज शंखधार की हत्या रविवार रात अंगोछे से गला घोंटकर कर दी गई थी। दूसरे दिन सुबह पूजा अर्चना करने आए भक्तों ने पुलिस को सूचना दी थी। तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन की।

    इसमें दोपहर तक यह पता चल गया था कि मनोज की हत्या में तीन बदमाश शामिल हैं। उनमें दो बदमाश बाइक लेकर मंदिर में घुसे थे और हत्या करने के बाद तीन बदमाश मंदिर से निकलकर फरार हुए थे। वह तीसरा बदमाश मंदिर के अंदर कैसे दाखिल हुआ, किस समय दाखिल हुआ, इसका पता नहीं चला था। इसकी छानबीन के लिए दूसरे दिन तक सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। जो सामने मकान में सीसीटीवी कैमरा लगा था, उससे पुलिस को काफी मदद मिली।

    उसमें हत्यारोपितों का चेहरा तो साफ नजर नहीं आया लेकिन उससे तीनों हत्याराेपितों की कद कांठी पता चल गई। पुलिस उसी कद कांठी के अनुसार आरोपितों को तलाश कर रही थी। पुलिस ने वही फुटेज पुजारी के स्वजन, तमाम रिश्तेदार और आसपास के लोगों को दिखाया, जिससे ये पता चला कि इस कद कांठी के लोग मनोज के रिश्तेदार हैं, जो उनके बड़े भाई के साले शाहजहांपुर के परौर निवासी विशेष कुमार उर्फ छोटू और नितेश कुमार हैं। जब पुलिस ने दोनों की सीडीआर निकलवाई तो उनकी लोकेशन सांईं मंदिर पाई गई।

    इसके अलावा उनके बहनोई उसावां थाना क्षेत्र के गांव मनसा नगला निवासी हिमांशु की लोकेशन भी यहां पाई गई। जब उन्हें गिरफ्तार करके पूछताछ की गई, तो कई चौंकाने वाली चीजें सामने आईं। उन्होंने अपना पूरा प्लान बताया। उन्हें अच्छी तरह पता था कि मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। शाम को ही विशेष कुमार मंदिर पहुंच जाएगा और रात में उठकर दरवाजा खोलेगा, तब नितेश और हिमांशु मंदिर में दाखिल होंगे। फिर योजना के मुताबिक हत्या करेंगे और वहां से डीवीआर लेकर फरार हो जाएंगे।

    बाद में डीवीआर व कपड़े जला देंगे। यह पूरी प्लानिंग उन्होंने क्राइम पेट्रोल देखकर बनाई थी। उन्हें भ्रम था कि वह डीवीआर लेकर चले आएंगे तो पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिलेगा। बाद में भी डीवीआर से कुछ हासिल नहीं होगा और वह साफ बच जाएंगे, उनकी योजना कामयाब हो जाएगी लेकिन उनका सोचना यह गलत था। उन्होंने गलत काम भी किया था, जिसका नतीजा भी उन्हें मिलना जरूरी था और अब वह सलाखों के पीछे हैं।

    20 रुपये में कबाड़े में बेच दिया था पांच हजार का डीवीआर

    पुजारी हत्याकांड के बाद तीनों आरोपितों ने अधजले डीवीआर को कबाड़े में 20 रुपये में बेच दिया था। पुलिस के मुताबिक उन्होंने डीवीआर को खेत में ले जाकर जलाया था। इससे उसके तार आदि जल गए थे। कई कलपुर्जे भी जल गए थे, जिससे डाटा रिकवर होना मुश्किल था लेकिन उसका पकड़ा जाना भी किसी खतरे से कम नहीं था। जब वह उसे जलाकर लौट रहे थे। तभी एक कबाड़ी रास्ते से निकल रहा था। उन्होंने उसे 20 रुपये में ही डीवीआर बेच दिया था। जब वह पकड़े गए तो पुलिस भी कबाड़ी वाले तक पहुंच गई और वह अधजला डीवीआर भी बरामद हो गया।

    अब सलाखों के पीछे पहुंचे तीनों हत्यारोपित

    सिविल लाइंस थाना पुलिस ने पुजारी हत्याकांड के तीनों आरोपित विशेष कुमार उर्फ छोटू, नितेश कुमार और हिमांशु को गुरुवार दोपहर न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया लेकिन इससे पहले जिला अस्पताल में उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया

    मकान मालिक को सम्मानित करेगी पुलिस

    जिले की पुलिस लगातार लोगों को अपने मकान दुकान पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। इन सीसीटीवी कैमराें की वजह से ही बड़ी-बड़ी घटनाओं के राजफाश हो जाते हैं और हत्यारोपित भी पकड़े जाते हैं। यही वजह रही कि पुजारी हत्याकांड के आरोपित भी सीसीटीवी कैमरे की वजह से पकड़े गए। हालांकि उन्होंने साक्ष्य मिटाने के प्रयास किए थे। अगर सामने वाले मकान में सीसीटीवी कैमरा न लगा होता तो शायद पुलिस उन तक न पहुंच पाती। इसीलिए पुलिस ने सामने वाले मकान मालिक को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

     

    पुजारी हत्याकांड के आरोपित डीवीआर ले गए थे लेकिन वह सीसीटीवी कैमरे की वजह से ही पकड़े गए। उन्होंने पूरी योजना के साथ पुजारी की हत्या की थी और वह योजना के अनुसार ही मंदिर में दाखिल हुए। डीवीआर व कपड़े जलाना भी उनकी योजना में शामिल था।

    - डा. बृजेश कुमार सिंह, एसएसपी


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