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    हादसे के बाद भी धीमी रफ्तार: रामगंगा पर क्षतिग्रस्त मुढ़ा पुख्ता पुल की फाइल शासन में लंबित

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 08:05 PM (IST)

    रामगंगा नदी पर मुढ़ा पुख्ता पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद भी मरम्मत की फाइल शासन में लंबित है। इससे मरम्मत कार्य में देरी हो रही है और स्थानीय लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। हादसे के बाद भी शासन की उदासीनता के कारण पुल की मरम्मत का काम अटका हुआ है, जिससे लोगों में निराशा है।

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    क्षत‍ि ग्रस्‍त मुढ़ा पुख्‍ता पुल फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले के दातागंज क्षेत्र से बरेली के फरीदपुर क्षेत्र को जोड़ने वाला मुढ़ा पुख्ता पुल पिछले दो साल से क्षतिग्रस्त पड़ा है। सितंबर 2023 में आई बाढ़ में यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद से पीडब्ल्यूडी इस पुल के निर्माण को लेकर कागजी कार्रवाई में जुटी रही। रुड़की आइआइटी टीम को माडल स्टडी के लिए बुलाया गया। लेकिन उस समय बजट नहीं मिला तो यह कार्य रुका रहा।

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    बीते वर्ष 24 नवंबर को अभियंताओं की लापरवाही से एक कार दातागंज साइड से इसी क्षतिग्रस्त पुल पर चढ़ गई और आगे जा कर नदी में गिर गई। जिससे तीन युवकों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद शासन-प्रशासन तक क्षतिग्रस्त पुल की गूंज पहुंची। जिससे पुल की फाइल तेजी से आगे बढ़ी। माडल स्टडी के बाद जो रिपोर्ट आई उस आधार पर पीडब्ल्यूडी ने डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी। 155 करोड़ का प्रस्ताव करीब दो माह से शासन में लंबित है। इस क्षेत्र के हजारों लोग पुल निर्माण की हर रोज राह देख रहे हैं।

    बढ़ाई जानी है 150 मीटर एप्रोच रोड

    मुढ़ा पुख्ता पुल पर बीते वर्ष 24 नवंबर को हादसा हो गया और तीन लोगों की मृत्यु हो गई तो विभाग एक्शन मोड में आ गया था। तेजी से फाइल आगे बढ़ाते हुए पैरवी कर 29.50 लाख रुपये माडल स्टडी के लिए जारी हुए। रुड़की आइआइटी से इंजीनियरों की टीम ने आकर यहां सर्वे किया। इस टीम ने बताया कि बरेली की ओर से इसी तरह जो एप्रोच रोड बह गई तो वहां पर 150 मीटर की एप्रोच बढ़ाने की भी सलाह दी गई। इसके अलावा 400 मीटर का संपर्क मार्ग अतिरिक्त बनाया जाएगा। पुल पर गाइड बंद व सुरक्षात्मक कार्य भी कराए जाएंगे

    जवाब देकर फिर शासन को भेजी फाइल

    आइआइटी रुड़की की टीम की ओर से दी गई सलाह और सुझावों को पूरा करते हुए पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार कर सितंबर को शासन को भेजा था। लेकिन शासन की ओर इसमें कई सवालों की जानकारी मांगते हुए प्रस्ताव वापस भेजा गया। जिस पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सभी सवालों के जवाब देते हुए प्रस्ताव को फाइनल कर अक्टूबर माह में फिर शासन को भेज दिया। इसके बाद से इस मुढ़ा पुख्ता पुल की फाइल शासन में ही अटकी हुई है। पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक राजीव कुमार सिंह ने इस संबंध में शासन में पैरवी भी की थी। जिसके बाद उन्होंने बताया था कि जल्द ही इसके लिए धनराशि स्वीकृत हो जाएगी।

    पुल बन जाने से 38 किमी घट जाएगी फरीदपुर की दूरी

    बताते हैं कि दातागंज से फरीदपुर के लिए इस पुल के बनने के बाद सेतु निगम ने पीडब्ल्यूडी को हस्तांतरित कर दिया था। इसके बाद दातागंज से फरीदपुर जाने के लिए जो 68 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी। वह सिर्फ 30 किमी रह गई थी। उस दौरान दातागंज व फरीदपुर के लोगों को इसका अच्छा खासा लाभ मिला था। लेकिन 2023 में बाढ़ के दौरान पुल क्षतिग्रस्त हो गया और दूरी फिर 68 किमी हो गई। बताते हैं कि दातागंज से फरीदपुर होते हुए तिलहरी, कटरा, शाहजहांपुर, लखनऊ, सीतापुर के लिए सीधा मार्ग है। लोग इस पुल के बन जाने की राह देख रहे हैं। जिससे फरीदपुर के साथ ही लखनऊ व शाहजहांपुर की दूरी भी कम हो सके।

     

    क्षतिग्रस्त मुढ़ा पुख्ता पुल की माडल स्टडी बनाकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया था। वहां से जो सवाल पूछे गए उनके जवाब देकर प्रस्ताव अक्टूबर में फिर रिवाइज कर दिया गया था। इसके बाद से कोई जानकारी नहीं मांगी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। धनराशि जारी होते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।

    - नरेश कुमार, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी


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