कछला गंगा घाट की बदलेगी तस्वीर: ₹48.6 करोड़ की मंजूरी, स्थानीय लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर
भगीरथ की तपोस्थली कछला गंगा घाट को मिल रही नई पहचान। प्राचीन घाट का ₹48.6 करोड़ से होगा विकास। हर पूर्णमासी पर लगने वाले विशाल मेले और विभिन्न पर्वों पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। घाट पर पूजा-पाठ व ठहरने की समस्या खत्म होगी।
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बदायूं में कछला घाट
संसू, कछला। भगीरथ की तपोस्थली कछला का गंगा घाट बेहद प्राचीन है। यहां पर बदायूं व आसपास जिलों से लोग विभिन्न पर्वो पर स्नान के लिए जुटते हैं। प्रत्येक माह की पूर्णमासी पर विशाल मेला लगता है। कछला गंगाघाट को पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा दिया जा रहा है। इसको लेकर शासनस्तर से 48.6 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है।
इस धनराशि से पक्के घाट, टायलट ब्लाक, चेंजिग रूम, ड्रेनैज सिस्टम समेत अन्य संसाधन बनाए जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द ही यहां पर काम भी शुरू हो जाएगा। इससे कछला में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे लोगों में उत्साह है। कछला में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर से 48. 6 करोड़ रुपये मंजूर हुआ है। हालांकि इससे पहले 102 करोड़ रुपये की धनराशि की डीपीआर तैयारी हुई थी।
इसको लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा लगातार प्रयासरत थे। लेकिन अब नए सिरे से मिली मंजूरी के बाद लोगों में निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की आस जागी है। इसमें घाट के छोर को संसधानों व इको टूरिज्म विकसित करने के लिए प्रस्तावित विकास कार्य होंगे। जिसमें बदायूं व कासगंज जिले के छोर के दोनों ओर पक्के घाट, टायेलट ब्लाक, प्लेटफार्म, गजेबी हट्स, महिलाओं के लिए चेंजरूम, बैठने के लिए बेंचें, मंडपम, ड्रेनेज सिस्टम और प्रकाश व्यवस्था किया जाना शामिल है।
डीपीआर शासन को भेजे जाने के बाद पर्यटन विभाग ने कछला नगर पंचायत प्रशासन से एनओसी भी मांगी। अब पर्यटन विभाग इस धनराशि से वाराणसी की तर्ज पर कछला में गंगाघाट को विकसित करेगा। इसके तहत पक्के घाट पर सीढि़यां बनाई जाएंगी। ताकि वहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-पाठ व स्नान करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न आने हो सके। इसके अलावा कछला में घाट के पास में पार्क भी बनाया जाएगा। घाट पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं हैं।
ऐसे में यहां पर एक धर्मशाला भी बनाई जाएगी। कछला के पर्यटन के रूप में विकसित होने पर बदायूं को एक अलग पहचान मिल जाएगी। इसके साथ ही घाट के विकसित होने पर यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। स्थानीय लोगों का मानना है कि जिस दिन पर्यटक स्थल बन जाएगा। उस दिन से ही श्रद्धालुओं की संख्या चार गुना और बढ़ जाएगी। जिसका लाभ कछला क्षेत्र के लोगों को रोजगार के रूप में मिलेगा। श्रद्धालु जगह-जगह ही रोड कनारे ठहरते है। यह समस्या भी खत्म हो जाएगी।
गंगा घाट को पर्यटन स्थ्ल के रूप में विकसित किया जाए। इसके लिए लगातर प्रयासरत हूं। दोनों तरफ का सव्रे हो चुका है, नक्शा भी तैयार कराया जा चुका है। इसकी जल्द स्वीकृति मिलने की संभावना है। कछल के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। रोजगार के अवसर खुलेंगे। पर्यटक आएंगे तो कछला का विकास होना तय है।
- जगदीश लोनिया चौहान, चेयरमैन, कछला
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