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    बदायूं में दलाली का हिसाब: 'तुम बंद कराओ, मैं खुलवाता हूं' - स्वास्थ्य विभाग ने एक हफ्ते में पलटा DM का आदेश!

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    बदायूं स्वास्थ्य विभाग में बड़ा 'खेल'! दिवाली से पहले सील 4 फर्जी अस्पताल एक हफ्ते में दलाली लेकर खुलवा दिए गए। CMओ पर रैकेट चलाने का आरोप। ओटी टेक्नीशियन बने सर्जन। फर्जी अस्पताल भ्रष्टाचार की उच्च-स्तरीय जाँच की मांग।

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    इसी अस्‍पताल पर की गई थी कार्रवाई

    जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले में फर्जी अस्पतालों और झोलाछापों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी वजह यह है कि अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पूरी तरह से दलाली पर उतर आए हैं। जो महीनादारी नहीं देता है, उसका अस्पताल बंद करा दिया जाता है और जो महीनादारी दे रहे हैं, उनके अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं। न तो वहां कोई टीम जांच करने टीम पहुंच रही है और न ही उनके अस्पताल बंद कराए जा रहे हैं। फिर क्यों न उनके यहां मरीजों की मृत्यु हो रही हो या फिर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हो।

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    पिछले लंबे समय से स्वास्थ्य विभाग का यह हाल हो गया है कि एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फर्जी अस्पतालों को बंद कराते हैं और फिर उनसे मोटा सौदा करके एक सप्ताह के अंदर उनके अस्पताल खुलवा देते हैं। इसका पूरा रैकेट चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर चपरासी तक के अस्पताल संचालित हो रहे हैं या फिर उनके नाम से अस्पताल चल रहे हैं।

    बाकायदा उनसे महीनादारी वसूली जा रही है। ईमानदारी इतनी है कि एक अधिकारी या कर्मचारी के नाम से चल रहे अस्पताल में दूसरे अधिकारी पैर नहीं रखते। अब तो इसको लेकर कई अधिकारी और डाक्टर तक बदनाम हो गए हैं। बात यहां तक पहुंच गई है कि जिसको महीनादारी नहीं मिलती, वह दूसरे की बुराई करने लगते हैं और जब महीनादारी मिल जाती है, तो सब कुछ ठीक हो जाता है जिससे यह चिकित्सा व्यवस्था मात्र एक ढोंग बन कर रह गई है।

    डीएम के आदेश पर बंद कराया गया था सायरा अस्पताल

    शहर के खेड़ा नवादा इलाके में सागर ताल के नजदीक स्थित सायरा अस्पताल को डीएम के आदेश पर बंद कराया गया था। डा. अंकित पुरोहित ने आरोप लगाया था कि उनके कागजात लगाकर फर्जी रूप से प्रयोग किए जा रहे हैं और अस्पताल का पंजीकरण कराने को आवेदन तक कर दिया गया है। डीएम के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारी पहुंचे थे और उन्होंने अस्पताल को सील करा दिया था। यह मामला दीपावली से पहले का है और इसको एक सप्ताह भी नहीं गुजारा कि अस्पताल दोबारा से खुलवा दिया गया।

    महिला की मृत्यु पर सील कराया गया था अंतरा अस्पताल

    खेड़ा नवादा इलाके में अंतरा नर्सिंग होम एक घर के अंदर चल रहा है और इसको चलाने वाली कोई डाक्टर नहीं मात्र एक दाई है। वहीं महिलाओं के प्रसव कराती है और आपरेशन तक करा देती है। यहां तक की अस्पताल का पंजीकरण तक नहीं है। दीपावली से पहले अधिकारियों ने इसे सील कराया था। इसको भी एक सप्ताह नहीं बीता कि इसके ताले खुलवा दिए गए। तब से लगातार अस्पताल में महिलाओं के प्रसव भी हो रहे हैं और आपरेशन अच्छी खाली वसूली की जा रही है।

    लालपुल का बदायूं सिटी केयर भी खुला

    कोतवाली क्षेत्र में लालपुल के नजदीक दीपावली से पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बदायूं सिटी केयर नाम से अस्पताल को सील कराया था। आरोप था कि अस्पताल का पंजीकरण नहीं है, वहां डाक्टर नहीं है, चिकित्सा व्यवस्था ठीक नहीं है। इसको भी मात्र एक सप्ताह लगा और अस्पताल को दोबारा से खुलवा दिया गया। आज भी यह अस्पताल लगातार संचालित हो रहा है। वह मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।

    एआरटीओ चौराहे के नजदीक सील कराया गया था बदायूं नर्सिंग होम

    एआरटीओ चौराहे के नजदीक बदायूं नर्सिंग होम के नाम से अस्पताल है। इस अस्पताल में भी दीपावली से पहले छापामारी की गई थी। जांच के दौरान बताया गया था कि अस्पताल का पंजीकरण नहीं है और कोई डाक्टर भी नहीं है, जिसकी वजह से अस्पताल को सील करा गया। इस अस्पताल को भी एक सप्ताह या 15 दिन नहीं हो पाए कि इसे भी खुलवा दिया गया और आज भी यह अस्पताल लगातार संचालित हो रहा है।

    ओटी और लैब टेक्नीशियन बन गए सर्जन

    शहर में अब तक एक ओटी टेक्नीशियन काफी चर्चित था लेकिन अब एक लैब टेक्नीशियन भी सर्जन बन गया है। बताया जा रहा है कि वह तीन से चार हजार रुपये में महिलाओं के आपरेशन कर देते हैं। अधिकतर अस्पतालों में ओटी टेक्नीशियन और लैब टेक्नीशियन ही जाकर आपरेशन कर रहे हैं।

    वहां निजी अस्पताल संचालक डाक्टर को नहीं बुलाते और इन्हें बुलाकर आपरेशन करा देते हैं, जिससे उनका मोटा पैसा भी बच जाता है। ओटी टेक्नीशियन की वजह से अब तक कहीं महिलाओं की जान भी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उसे अच्छी तरह जानते हैं। इसके बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

     

    दीपावली से पहले कुछ फर्जी अस्पतालों को बंद कराया गया था। उन्हें ऐसे नहीं खुलवा सकते। अगर किसी ने अस्पताल खुलवाए हैं तो गलत है। इसकी जांच कराई जाएगी। उसके बाद मामले में कार्रवाई होगी।

    - डा. रामेश्वर मिश्रा, सीएमओ


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