87% काम में 'जीरो टेंशन', सिर्फ सहयोग! इस जिले ने देश को दिया SIR सफलता का नया पाठ
उत्तर प्रदेश के एक जिले ने सामूहिक प्रयास और सहयोग की भावना से विकास कार्यों में सफलता हासिल की है। 'जीरो टेंशन' दृष्टिकोण और SIR मॉडल को अपनाकर 87% ...और पढ़ें
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एसआइआर के फार्म जमा करते बीएलओ
अंकित गुप्ता, जागरण, बदायूं। एक तरफ जहां एसआइआर को लेकर बीएलओ और इसके काम में लगे कर्मियों के बीमार होने और मृत्यु होने की सूचनाएं मिल रही हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में 87 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। इस दौरान किसी प्रकार के किसी तनाव आदि की शिकायत या सूचना नहीं मिली। जिले के बीएलओ के साथ डीएम ने अन्य कर्मियों को लगाकर उन्हें राहत देने का काम किया।
इसका नतीजा रहा कि बिना किसी दबाव के सभी काम हो गए। जिले के बीएलओ अब गांव गांव घूम रहे हैं। बाइक पर बैठकर पूछते जाते हैं कि किसी का फार्म रहा तो नहीं। बीएलओ कहते हैं कि टीम वर्क का फायदा मिला कि काम आसानी से हो गया और कोई तनाव भी नहीं झेलना पड़ा। इसमें गांव के अध्यापकों के साथ रोजगार सेवक और सफाई कर्मियों की भी महती भूमिका रही।
जिले में चार नवंबर से मतदाता सूची के विशेषण गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआइआर) का कार्य शुरू हुआ था। इस अभियान की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अलग अलग जिलों से सूचनाएं आने लगीं कि बीएलओ दबाव में हैं। कई जगह बीएलओ की तबियत बिगड़ी तो कहीं मौत भी हो गई।
इन सभी बातों को भांपते हुए डीएम अवनीश कुमार राय ने इस कार्य में लगे सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी पर दबाव नहीं बनाना है। बीएलओ के साथ बैठना है, उनसे बातचीत करनी है। लापरवाह कर्मियों को इस बात का अहसास दिलाना है कि यह कार्य कितना और क्यों जरूरी है। इसके लिए कुछ कर्मचारियों को नोटिस देना, वेतन काटने आदि किया गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
हर रोज अलग-अलग बीएलओ को बुलाया गया, उनसे समस्याएं पूछी गईं, उनका समाधान किया गया। इतना ही नहीं अच्छा कार्य करने वाले बीएलओ को लगभग हर दिन सम्मानित किया गया। उनके अनुभवों को अन्य बीएलओ के साथ साझा किया गया। इसी का नतीजा रहा कि अब तक 87 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा कर लिया गया। इसमें अभी एक सप्ताह का समय और बचा है, जिसमें पूरी टीम शत प्रतिशत कार्य करने में जुटी है।
काम पूरा करो और फिल्म देखने चलो
एसआइआर को लेकर इस समय जिला प्रशासन सबसे अधिक गंभीर है। एक तरफ जहां बीएलओ की मानसिक हालत खराब हाेने और उनके द्वारा आत्मघाती कदम उठाए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं जिले के बीएलओ एक के बाद एक अपना कार्य पूरा कर सम्मान पा रहे हैं।
अब तो जिलाधिकारी ने एक और नई घोषणा कर दी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि जो भी बीएलओ और सुपरवाइजर अपना कार्य पूरा कर लेंगे। उनकाे जिला प्रशासन की ओर से फिल्म दिखाई जाएगी। जिले में बिना किसी दवाब के कराए गए कार्य का ही नतीजा है कि अब तक 87 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है।
इस तरह बनाई गई रणनीति
एसडीएम सदर और एसआइआर के मास्टर ट्रेनर एसडीएम सदर मोहित कुमार ने बताया कि इस पूरी कार्य में डीएम अवनीश राय ने खुद आगे आकर कार्य को आसान करने का काम किया। उन्होंने डांट फटकार नहीं लगाई। बीएलओ ने कहा कि फार्म अधिक हैं, गांव बड़ा है या अन्य कोई बात बताई तो उस बीएलओ के लिए सहायक दिए गए। उनके साथ एक टीम बनाई गई, जो बीएलओ के साथ समानांतर काम में लगे और सफलता पाई। अब तक कभी काम को हावी नहीं होने दिया गया। प्लानिंग कर आगे बढ़ते रहे।
एसआइआर से संबंधित आंकड़े
| 24,18,408 | जिले में कुल मतदाता |
| 2,580 | एसआइआर में लगे बीएलओ |
| 18,01,733 | गणना प्रपत्र भरकर प्राप्त कर लिए |
| 72,861 | मृतक चिन्हित हो चुके हैं |
| 31,939 | डुप्लीकेट वोटर चिन्हित हो चुके हैं |
| 78,336 | अनुपस्थित मिले वोटर |
| 1,38,829 | विस्थापित मतदाता चिन्हित |
| 74.50 प्रतिशत | डिजिटाइजेशन |
| 13 प्रतिशत | अनुपस्थित मिले वोटर |
| 87.50 प्रतिशत | अब तक एसआइआर का कुल काम |
जिले में एसआइआर का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत परेशानी नहीं आने दी गई है। सभी बीएलओ और सुपरवाइजरों को उनकी कार्यक्षमता के हिसाब उनके अनुसार कार्य करने दिया गया। उनकी हर दिक्कत, परेशानी और समस्या का समाधान निकाला गया। जिले के सभी अधिकारियों, बीएलओ, सहायक, सुपरवाइजर व अन्य कर्मियों ने भी इस कार्य को टीम वर्क की तहर लिया। जिससे सभी को सफलता मिली है।
- अवनीश कुमार राय, डीएम
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