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    बजट की 'अंकगणित' फेल! ₹66 लाख वापस गए, 8 गांवों के बच्चों के सपनों पर 'अधूरी परियोजना' का ग्रहण

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 06:17 PM (IST)

    बदायूं में शिक्षा विभाग की लापरवाही से आठ गांवों के बच्चों की शिक्षा पर संकट आ गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत ₹66 लाख की राशि का उपयोग न होन ...और पढ़ें

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    बदायूं के सहसवान तहसील के गांव जरीफपुर गढ़िया में राजकीय हाईस्कूल के लि‍ए मि‍ली जमीन

    जागरण संवाददाता, बदायूं। जिले की सहसवान तहसील के गांव जरीफपुर गढ़िया गांव के लिए वर्ष 2024 में शासन ने एक राजकीय हाईस्कूल बनाने की मंजूरी थी। इसके बाद से गांव के लोगों की उम्मीद जगी थी। उम्मीद थी कि साल भर में स्कूल बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन करीब एक साल तक विभाग और तहसील प्रशासन जगह नहीं तलाश पाया।

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    जागरण ने जब अगस्त में इसे लेकर खबर प्रकाशित की थी, उसके बाद तहसील प्रशासन ने इसमें तेजी दिखाते हुए जरीफपुर गढ़िया गांव में ही जमीन उपलब्ध करा दी। लेकिन अब भी काम शुरू नहीं हो पाया। अब विभाग कह रहा है कि बजट नहीं है, जबकि पहले बजट आया था जो जमीन न मिलने पर बजट वापस चला गया था। अब बजट आने का इंतजार है तब काम शुरू होगा। इसके लिए विभाग की ओर से पत्राचार किया जा रहा है।

    बिल्सी विधानसभा क्षेत्र और सहसवान तहसील क्षेत्र के गांव जरीफपुर गढ़िया, तौफी नगला समेत करीब आठ गांवों में कोई राजकीय कालेज न होने के चलते वहां के रहने वाले छात्र छात्राओं को दूर के स्कूलों में पढ़ाई के लिए जाना पड़ता था। जरीफपुर गढ़िया समेत आसपास के गांवों के लोग 15 साल से गांव में राजकीय कालेज के निर्माण की मांग करते आ रहे थे।

    ग्रामीणों की इस मांग को पूरा कराने लिए तोफी नगला निवासी तिलक सिंह सामाजिक कार्यकर्ता ने कई बार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री के अलावा स्थानीय स्तर पर डीएम एवं डीआईओएस के लिए पत्राचार किया। कई बार प्रयास करने के बाद शासन ने इसका संज्ञान लिया। जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी इसके लिए प्रयास किए।

    इसके बाद शासन ने गांव जरीफपुर गढ़िया के लिए नवंबर 2024 में राजकीय हाईस्कूल को मंजूरी दी।करीब 1.37 करोड़ की लागत से दो हजार वर्ग गज जमीन पर इस विद्यालय का निर्माण होना था। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से पत्र जारी कर तहसील प्रशासन से जगह मांगी गई थी। पहले तय हुआ था कि राजकीय हाईस्कूल गांव में ही बनेगा। लेकिन गांव में उपयुक्त भूमि ही उपलब्ध नहीं हो सकी।

    इसके चलते एक साल पूरा होने को आया और स्कूल का निर्माण शुरू नहीं हो सका।इस पर जागरण ने इसे लेकर खबर प्रकाशित की थी। जिसके बाद तहसील प्रशासन ने जगह ढूंढनी शुरू की और जरीफपुर गढ़िया में ही जूनियर हाईस्कूल के पास में राजकीय हाईस्कूल के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई।

    जमीन मिलने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। इस पर विभाग का दावा है कि जो बजट आया था वह वापस चला गया था। अब दोबारा बजट आने के बाद ही कार्य शुरू कराया जाएगा। बताया कि इसके लिए पत्राचार किया जा रहा है। बीते महीने शासन को पत्र भेजकर बजट की मांग की गई है। जल्द ही बजट न मिलने पर दोबारा पत्र भेजा जाएगा।

    छह कक्षों का बनना है विद्यालय

    जरीफपुर गढ़िया में राजकीय हाईस्कूल स्वीकृत होने के बाद निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 66 लाख रुपये का बजट जारी हुआ था।राजकीय हाईस्कूल में कुल छह कक्षों का निर्माण कराया जाना था। जिनमें शिक्षण कक्ष, प्रधानाचार्य कक्ष, पुस्तकालय शामिल था। तब बताया गया था कि राजकीय हाईस्कूल का निर्माण शुरू कराने के लिए बजट मिलने के साथ ही कार्यदायी संस्था का चयन भी हो गया है। लेकिन इसके बाद से अब तक यह विद्यालय धरातल पर नहीं उतर सका। इससे ग्रामीण मायूस हैं।

     

    जरीफपुर गढ़िया में राजकीय हाईस्कूल के निर्माण के लिए दो हजार वर्ग गज जमीन की आवश्यकता है। जो अब गांव में ही मिल गई है। बजट जो मिला था वह वापस चला गया था। बजट का इंतजार है। इकसे लिए पत्राचार किया जा रहा है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

    - लालजी यादव, डीआइओएस


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