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    पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज, आरक्षण की स्थिति स्पष्ट ना होने के बावजूद प्रचार में जुटे उम्मीदवार

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 03:47 PM (IST)

    त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। मतदाता सूची के पुनरीक्षण के साथ ही संभावित उम्मीदवार सक्रिय हैं हालाँकि आरक्षण स्पष्ट नहीं है। कुंवरगांव क्षेत्र में 39 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा जहाँ कई उम्मीदवार प्रचार कर रहे हैं। आरक्षण में बदलाव की संभावना से वर्तमान प्रधानों की चिंता बढ़ गई है जिससे वे अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

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    यूपी में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज। जागरण

    संसू,जागरण। कुंवरगांव । त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य शुरू होने के साथ ही संभावित उम्मीदवारों में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। हालांकि, आरक्षण की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हुई है, फिर भी दावेदार अपनी रणनीति बनाने और प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। गांवों में सुबह व शाम के समय में पंचायत चुनाव को देखते हुए चौपालें सजने लगी हैं।

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    कुंवरगांव क्षेत्र में 39 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद का चुनाव होगा। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य पद की बनेई और हुसैनपुर करौतिया नाम से दो सीटें हैं। इन सीटों का आरक्षण अभी निर्धारित नहीं हुआ है, लेकिन दो दर्जन से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, जहां कई दावेदार मैदान में सक्रिय हैं।

    संभावित उम्मीदवार अपने वाहनों पर पोस्टर लगाकर क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं। उनके समर्थक बाजारों में चाय-पान की दुकानों पर अपने दावेदारों का समर्थन करते देखे जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, उम्मीदवार तेरहवीं, या भंडारे में बातचीत करते नजर आ रहे और उनके समर्थक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। बारहाल, पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में माहौल जोर पकड़ने लगा है।

    आरक्षण की संभावनाओं से बढ़ी चिंता

    कुछ ही महीनों में कार्यकाल समाप्त होने और आरक्षण में बदलाव की संभावना के चलते कई वर्तमान प्रधानों और अन्य जनप्रतिनिधियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

    आरक्षण बदलने की स्थिति में वे अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए अन्य क्षेत्रों या पदों पर भी विचार कर रहे हैं। कुछ मौजूदा जनप्रतिनिधि क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए भी अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं।