Updated: Mon, 08 Sep 2025 06:53 PM (IST)
बदायूं के सहसवान में एंटी करप्शन टीम ने एसएसआई कमलेश सिंह को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एसएसआई पर आरोप है कि उन्होंने जानलेवा हमले की धारा हटाने के लिए वादी से 20 हजार रुपये की मांग की थी। शिकायतकर्ता दिनेश मिश्रा के अनुसार एसएसआई पहले भी आरोपियों से रिश्वत लेकर दो नाम हटा चुके थे।
संवाद सूत्र, सहसवान (बदायूं)। एंटी करप्शन टीम ने जानलेवा हमले की धारा न हटाने के लिए रिश्वत लेते एसएसआई को दबोच लिया। अब तक तो यह सुना था कि पुलिस आरोपितों से रिश्वत लेकर मामला रफादफा कर देती है या फिर मुकदमे से आरोपितों के नाम ही निकाल देती है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि जब सहसवान कोतवाली में तैनात एसएसआई कमलेश सिंह ने वादी से ही रिश्वत मांग ली।
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इ ससे पहले एसएसआई आरोपितों से रुपये लेकर दो नाम निकाल चुका था। तीसरे आरोपित से जानलेवा हमले की धारा हटाने को कह रहा था, जबकि वादी चाहता था कि जानलेवा हमले की धारा न हटे और सभी आरोपितों पर कार्रवाई हो। जब वह नहीं माना तो एसएसआई ने धारा न हटाने के एवज में 20 हजार रुपयों की डिमांड की। परेशान होकर वादी ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और सोमवार को एससआई 12 हजार रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
कोतवाली क्षेत्र के गांव अलैहदादपुर धोबई निवासी दिनेश मिश्रा पुत्र लक्ष्मी नारायण मिश्र ने 18 जुलाई 2025 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दिनेश मिश्रा का आरोप था कि करीब तीन माह पहले उसने अपने ट्रैक्टर से गांव के रामकुमार, वेद प्रकाश और हरिबाबू के खेत की जोताई की थी। उनके आरोपितों पर एक हजार रुपये आ रहे थे। 17 जुलाई की शाम को उन्होंने आरोपितों से अपने रुपये मांगे थे। उसी बात को लेकर आरोपितों ने गाली गलौज की और उनके ऊपर चाकू से हमला कर दिया। आरोपितों ने उनको गर्दन पर चाकू मारा था। बाद में लाठी डंडों से पीटा था। जब वहां कई लोग एकत्र होकर आए तो आरोपित जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए।
आरोपितों पर जानलेवा हमला, गंभीर चोट पहुंचाना, गाली गलौज, अभद्रता करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। इसकी विवेचना कोतवाली में तैनात एसएसआइ कमलेश सिंह कर रहे थे। दिनेश का कहना है कि एसएसआइ ने दूसरे पक्ष से रुपये लेकर वेद प्रकाश और हरि बाबू का नाम निकाल दिया था और रामकुमार के ऊपर से जानलेवा हमले की धारा हटा रहे थे, जबकि वह लगातार सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस दौरान एसएसआइ ने कहा था कि वह धारा नहीं हटाएंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें 20 हजार रुपये देने होंगे।
मजबूरी में दिनेश ने हामी भर दी और 12 हजार रुपये में बात तय कर दी लेकिन इससे दिनेश काफी परेशान थे। उन्होंने रविवार को एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी। एसएसआइ ने उन्हें सोमवार को कोतवाली बुलाया था। इससे पहले एंटी करप्शन टीम ने आकर कोतवाली के आसपास अपनी घेराबंदी कर दी। जैसे ही सोमवार दोपहर दिनेश ने कोतवाली पहुंचकर एसएसआइ को 12 हजार रुपये दिए कि तभी एंटी करप्शन टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह देखकर कोतवाली में मौजूद पुलिसकर्मी हक्के बक्के रह गए। एंटी करप्शन टीम उन्हें पकड़कर उझानी कोतवाली ले आई। जहां एसएसआइ के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
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