बदायूं मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने नर्सिंग छात्रों को पीटा, 6 गिरफ्तार और प्रिंसिपल ने 12 निलंबित किए
बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों द्वारा नर्सिंग छात्रों से मारपीट का मामला सामने आया है। शिकायत के बाद पुलिस ने नौ नामजद समेत कई अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है और छह जूनियर डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। कॉलेज प्रशासन ने 12 डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है और जांच के लिए कमेटी गठित की है।

जागरण संवाददाता, बदायूं। राजकीय मेडिकल कॉलेज में सुलग रही गुटबाजी ने रविवार को बड़ा रूप ले लिया। मेडिकल कालेज के कई जूनियर डाक्टरों ने सामने आवासीय कालोनी में जाकर नर्सिंग कालेज की छात्रों के साथ जबरदस्त मारपीट की। इसका वीडियो प्रसारित हुआ।
इस संबंध में पुलिस ने नौ नामजद समेत कई अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और छह जूनियर डाक्टरों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उनका शांति भंग में चालान कर दिया गया। 12 को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य और जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायतें भी हुईं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आवासीय कॉलोनी में जाकर नर्सिंग कॉलेज के छात्रों के साथ की थी मारपीट
रविवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज के कई जूनियर डाक्टर सामने आवासीय कॉलोनी में लाठी और डंडे और बल्ला लेकर पहुंचे थे और वहां नर्सिंग कॉलेज के छात्रों के साथ मारपीट की थी। नर्सिंग कॉलेज के छात्र इटावा जिले की फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के अशोक नगर भरथना चौराहा निवासी वीर प्रताप के अनुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉ. मेधांशु सिंह का भाई उज्जवल सिंह नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।
अभी कुछ दिन पहले ही उज्जवल सिंह का नर्सिंग कॉलेज के छात्र से ही झगड़ा हो गया था। इस पर नर्सिंग कालेज के प्रधानाचार्य ने दोनों ही पक्षों के छात्रों को एक-दूसरे से बात न करने को कहा था लेकिन उज्जवल सिंह ने यह मामला अपने बड़े भाई तक पहुंचा दिया। तब से नर्सिंग कॉलेज के छात्रों का जीना दुश्वार हो गया।
नर्सिंग कॉलेज के छात्र ने नौ नामजद व कई अज्ञात पर कराई प्राथमिकी
आरोप है कि जहां भी नर्सिंग कॉलेज के छात्र जा रहे थे। उनके साथ गालीगलौज की जा रही थी। उन्हें बदमाशी दिखाई जाती और धमकी दी जा रही थी, कि जहां भी मिलेंगे, उनके साथ मारपीट की जाएगी। 28 सितंबर की रात भी उनके साथ गालीगलौज की गई। इसी बात को लेकर नर्सिंग कॉलेज के छात्र वीर प्रताप और उनके साथियों ने मामला खत्म करने के लिए मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को बुलाया था। लेकिन चह लोग लाठी और डंडे और बल्ला आदि लेकर पहुंचे और उन्हें आवासीय कॉलोनी से निकालकर पीटना शुरू कर दिया।
पुलिस ने किया छह का चालान
जब इसका वीडियो प्रसारित हुआ, तब कॉलेज प्रशासन के संज्ञान में यह मामला आया। बाद में वीर प्रताप ने सिविल लाइंस थाने जाकर डॉ. मेधांशु सिंह, शिवांग मणि त्रिपाठी, अखिलेश यादव, तुषार, रवि गुप्ता, रितुराज सिंह, यश विंदल, अभिषेक गिरि और रवि सिंह समेत कई अज्ञात के खिलाफ बलवा, मारपीट, गालीगलौज, धमकी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करा दी।
इसमें पुलिस ने मुरादाबाद के चंधेरी निवासी अंकित, राजस्थान के सीकरी के डाडी खिडोलिया निवासी अखिलेश यादव, अलीगढ़ के मानसिंह नगर निवासी मेधांशु सिंह, अलीगढ़ के डोरीनगर निवासी शुभम कुमार राठी, पुरानी दिल्ली महावत खां रोड निवासी हितेश और गोरखपुर के अभिषेक नगर कॉलोनी निवासी शिवांग मणि त्रिपाठी को हिरासत में लेकर उनका शांतिभंग में चालान कर दिया। उनको सिटी मजिस्ट्रेट के यहां से जमानत भी मिल गई। बताया जा रहा है कि इसमें जिन डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं। उन्हें निलंबित कर दिया गया है और इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
मारपीट करने के इरादे से पहुंचे थे मेडिकल कॉलेज के डाक्टर
वीर प्रताप का कहना है कि मामला सुलझाने के लिए बुलाया था लेकिन यहां डॉक्टर मारपीट करने के इरादे से पूरी तैयारी के साथ पहुंचे थे। सभी के हाथों में डंडा व बल्ला मौजूद थे। उनमें 2022, 2023 और 2024 बैच तक के डॉक्टर शामिल थे। वह डंडा और बल्ला के अलावा वहां पड़ी ईंट भी उठाकर मार रहे थे।
बीच बचाव करने वाले के साथ सबसे ज्यादा मारपीट
मारपीट करने का जो वीडियो प्रसारित हुआ है। उसमें डॉक्टर जिस युवक के साथ मारपीट कर रहे हैं। उसका नाम अमन यादव है। वह नर्सिंग कॉलेज का छात्र है। बताया जा रहा है कि वह बीच बचाव कराने आया था और डॉक्टर को समझने का प्रयास कर रहा था। उसी के साथ सबसे ज्यादा मारपीट की गई। उसको ईंट बल्ला मारे गए, जिससे उसको काफी चोटें आईं है। सोमवार को उसका जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया है।
इस मामले में जिन जूनियर डॉक्टरों का नाम प्रकाश में आया है। उन्हें निलंबित कर दिया गया है और इसकी जांच के लिए कॉलेज प्रशासन की ओर से एक कमेटी गठित कर दी गई है। इसमें जांच रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।- डॉ. अरुण कुमार, राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं
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