बदायूं में मतांतरण कराने के मामले में अलापुर के सुरेंद्र का नाम सामने आया है। तस्वीरों के वायरल होने के बाद पता चला कि सुरेंद्र ही लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा था और उसे बाहर से फंडिंग भी मिल रही थी। अलापुर में उसने एक बिल्डिंग भी बनवा रखी है जहां मतांतरण का काम चल रहा था।
जागरण संवाददाता, बदायूं। मतांतरण कराने के जो इंटरनेट मीडिया पर फोटो प्रसारित हुए थे। उनमें मतांतरण कराने वाला कोई और नहीं बल्कि अलापुर का सुरेंद्र ही था। केवल वही फोटो में दिखाई दे रहा था। इससे उसे पहचानना मुश्किल नहीं था। यह फोटो भी व्हाट्सएप ग्रुप में कासगंज के हृदेश कुमार उर्फ विक्की पास्टर ने प्रसारित किए थे। उस ग्रुप में और भी तमाम लोग जुड़े हुए थे। बाद में वहीं से यह सभी फोटो सार्वजनिक हुए, जिससे यह पूरे प्रकरण का राजफाश हुआ और फिर अलापुर का सुरेंद्र भी पकड़ा गया।
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अलापुर कस्बे में बाजार स्टेट बैंक रोड निवासी सुरेंद्र उर्फ बल्ले कुछ साल पहले अपने ही घर में ही गैस चूल्हा की मरम्मत की दुकान चलाता था। वह पूरे दिन अपनी दुकान पर बैठता था और चूल्हों की मरम्मत करता था। तब कहीं उसके घर का खर्च चलता था लेकिन वह जब से ईसाई धर्म से जुड़ा था और लोगों को मतांतरण कराने का काम कर रहा था। तब से उसके पास पैसा आने लगा था।
पुलिस के मुताबिक उसके पास बाहर से फंडिंग आ रही थी और बाकायदा उसको साहित्य भी उपलब्ध कराया जाता था, जिससे वह लोगों के घरों पर जाकर उन्हें ईसाई धर्म का प्रलोभन देता था और उन्हें साहित्य पढ़ाता था। बाद में उन्हें एक जगह एकत्र करके ईसाई धर्म अपनाने को प्रेरित करता था और उनका मतांतरण कराता था। अभी दो दिन पहले जब उसके मतांतरण कराने के फोटो प्रसारित हुए। तब लोगों को पता चला कि अलापुर का सुरेंद्र भी काफी शातिर है और वह हिंदू धर्म को ही कमजोर कर रहा है।
अलापुर कस्बे में भी करवा रहा था मतांतरण
अलापुर कस्बे में बाजार स्टेट बैंक रोड निवासी सुरेंद्र ने कस्बे में एक बिल्डिंग भी बनवा रखी है। वहां प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा होती है और जो लोग नए शामिल होते हैं। उनका मतांतरण भी कराया जाता है। यहां भी कई साल से मतांतरण कराने का काम चल रहा था। पहले सुरेंद्र यहां चर्च का निर्माण करवाना चाहता था लेकिन जिला प्रशासन ने उसे चर्च का निर्माण कराने की अनुमति नहीं दी थी। इससे उसने एक हाल का निर्माण करवा लिया था। उसमें अवैध रूप से मतांतरण का खेल चल रहा था। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन उस बिल्डिंग को लेकर क्या कार्रवाई करता है।
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