Badaun: 'भाभी चाय बनाओ', मर्डर से पहले साजिद ने मांगी थी 5 हजार रुपये की मदद; पढ़ें बदायूं हत्याकांड की पूरी कहानी
Budaun Double Murder Case उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंगलवार शाम को दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई। सैलून चलाने वाले साजिद ने ठेकेदार ने विनोद कुमार के बेटे आयुष और अहान की उस्तरा और चाकू से हत्या कर दी। इस हत्याकांड का चश्मदीद गवाह तीसरा बेटा पीयूष है। साजिद ने इस हत्याकांड से पहले पांच हजार की मदद मांगी थी। पढ़ें बदायूं हत्याकांड की पूरी कहानी...
जागरण संवादादाता, बदायूं। (BudaunDouble Murder Case) घर में घुसकर मासूमों की जान लेने वाला सैलून संचालक साजिद घर में गया तो उसने बच्चों की मां संगीता से कहा था कि भाभी चाय बनाओ मैं अभी ऊपर से आ रहा हूं। मां चाय बनाने लगी और साजिद ने तीसरी मंजिल पर जाकर उसके बच्चों की हत्या कर दी।
तीसरा बेटा चिल्लाता हुआ जब नीचे भागा और उसकी मां और दादी ऊपर पहुंचीं तो हत्यारोपित छत पर ही मौजूद था। मां और दादी का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि मौत के मुंह से निकला तीसरा बेटा सदमे में है।
तीसरा बेटा पीयूष है चश्मदीद गवाह
मंडी समिति से मझिया रोड पर स्थित बाबा कालोनी में मंगलवार देर शाम ठेकेदार विनोद कुमार के बेटे आयुष और अहान की हत्या का तीसरा बेटा पीयूष चश्मदीद गवाह है। विनोद के घर के सामने ही सखानू का साजिद सैलून चलाता है।
स्वजन के अनुसार, शाम को साजिद उनके घर पहुंच गया। विनोद की पत्नी संगीता से कहा कि उसकी पत्नी को बच्चा होने वाला है वह अस्पताल में भर्ती है। संगीता ने अपने पति से पूछा तो उन्होंने कह दिया कि सामने रहता है रुपये दे दो। संगीता ने उसे पांच हजार रुपये दे दिए। इसके बाद वह उसने कहा कि भाभी चाय बनाओ मैं ऊपर हूं।
दो बच्चों की उस्तरा से की हत्या
वह चाय बनाने लगी कि इसी बीच ऊपर तीसरी मंजिल पर पहुंच गया जहां तीनों बच्चे थे, साजिद ने चाकू और उस्तरा से दो बच्चों को मार डाला। उसने पीयूष को भी मारने का प्रयास किया। पहले तो वह छत पर भागता रहा, उसके शरीर और गर्दन पर भी चाकू के निशान लगे हैं। चिल्लाते हुए वह नीचे भागकर जान बचाने में सफल रहा।
दहशत में पीयूष, बोला- मुझे भी मार रहा था भाइयों के साथ पीयूष भी छत पर था। (Budaun Murder Case) साजिद जब उन पर चाकू से हमला कर रहा था तो बच्चे चिल्ला रहे थे। खौफजदा पीयूष ने बताया कि साजिद उसको भी मारने के लिए दौड़ा रहा था। पहले वह छत पर भागता रहा। इस बीच उसके शरीर पर भी चाकू लगा, लेकिन वह साजिद को चकमा देने में कामयाब हो गया और नीचे भाग गया था। मां संगीता और दादी मुन्नी देवी रोते-रोते बेसुध हो रही हैं।
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