आजमगढ़ में फर्जी बेसिक शिक्षा अधिकारी बनकर ठगी करने वाला आरोपित चढ़ा पुलिस के हत्थे
आजमगढ़ में, टेलीग्राम आईडी के माध्यम से ईसीसी एजुकेटरों की भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले एक फर्जी बीएसए को साइबर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आर ...और पढ़ें

पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं और मामले की जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। टेलीग्राम आइडी के माध्यम से ईसीसी एजुकेटरों की भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले एक फर्जी बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) को साइबर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपित की पहचान राम सिंह, निवासी नैका महीन, झूंसी, प्रयागराज के रूप में हुई है। साइबर थाना की पुलिस ने राम सिंह को मुखबिर की सूचना पर प्रतापगढ़ पट्टी से गिरफ्तार किया।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि आरोपित ने ईसीसी एजुकेटरों के पद पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की है। पुलिस ने बताया कि आरोपित के पास से दो एंड्रायड मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनमें ठगी से जुड़े कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि राम सिंह ठगी के लिए जनसेवा केंद्र के आईडी का उपयोग करता था।
आरोपित ने फर्जी ई-मेल आइडी बनाई थी और व्हाट्सएप व ट्रूकालर आइडी पर बीएसए का नाम और फोटो लगाकर अभ्यर्थियों को अपने झांसे में लेता था। चिराग जैन ने कहा कि पुलिस अब आरोपित के बैंक खाते और अन्य विवरणों की जांच कर रही है ताकि ठगी के अन्य मामलों का भी पता लगाया जा सके।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराधियों की गतिविधियाँ कितनी बढ़ गई हैं और ऐसे मामलों में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की नौकरी के लिए पैसे देने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
साइबर थाना की पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित को गिरफ्तार किया है, जिससे यह साबित होता है कि पुलिस साइबर अपराधों के प्रति गंभीर है। इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की अनधिकृत जानकारी पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और ऐसे अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने यह भी कहा कि वे इस प्रकार के मामलों की जांच में तेजी लाएंगे ताकि अन्य संभावित ठगों को भी पकड़ा जा सके। डिजिटल प्लेटफार्मों पर काम करते समय सतर्क रहना आवश्यक है। लोगों को चाहिए कि वे अपने व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।

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