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    डान के भतीजे व भांजे के खिलाफ कोई मामला नहीं

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 21 Nov 2017 11:01 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : डान अबु सलेम के करीबी रिश्तेदार व परिजन एकबार फिर कानूनी श्ि

    डान के भतीजे व भांजे के खिलाफ कोई मामला नहीं

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : डान अबु सलेम के करीबी रिश्तेदार व परिजन एकबार फिर कानूनी शिकंजे में आ गए हैं। उनका दोष महज इतना है कि वह दोनों लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान अबु से मिलने की जिद किए थे। फिलहाल दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं दोनों युवकों क्रमश: अबु के भतीजे व भांजे के घर सरायमीर व मुबारकपुर सियापा पसरा हुआ है। बोलने को कोई तैयार नहीं है। इनकी गिरफ्तारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं लेकिन पुलिस की केस डायरी में अभी तक कोई भी मामला इन दोनों युवकों के खिलाफ दर्ज नहीं है।

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    दरअसल मुबारकपुर कस्बा हैदराबाद निवासी सालिक व सरायमीर कस्बे के पठानटोला निवासी आरिफ को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सालिक शिब्ली महाविद्यालय में एलएलबी फाइनल का जहां छात्र है वहीं आरिफ सरायमीर कस्बे में चाइनीज होटल चलाता है। दोनों अबु सलेम के करीबी होने के नाते लखनऊ में पेशी के दौरान मिलने गए थे।

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    अबु की मां ने बनाती थी बीड़ी

    सरायमीर कस्बे के पठान टोला मोहल्ला निवासी अब्दुल कयूम अंसारी पेशे से अधिवक्ता थे। वर्ष 1976 में हुए एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। अब्दुल कलाम की मौत के बाद उनकी पत्नी अजीबुन्निशां व चार पुत्र अबू हाकिम उर्फ चुनचुन, अबु सालिम, अबु लैस उर्फ एजाज और अबु जैस की परवरिश का जिम्मा बड़े पिता अली अहमद पर आ गई। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बच्चों के भरण-पोषण के लिए अजीबुन्निशां ने बीड़ी बनाने का काम शुरू किया।

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    परिवार के लिए मोटर मैकेनिक बना

    पिता की मौत जब हुई थी तब अबु सालिम की उम्र महज 13 वर्ष ही थी। ऐसे में वह परिवार का खर्च चलाने के लिए विदेशी कपड़े लोगों के बीच बेचने का काम करने लगा। धंधे में नुकसान होने के कारण वह काफी मायूस हो गया। अंत में वह कुछ और करने को सोचा। सरायमीर थाने के पास बाइक मैकेनिक अनवर मिस्त्री के यहां रहकर बाइक मरम्मत का काम सीखने लगा। यहां भी उसका मन नहीं लगा और सात आठ माह काम करने के बाद उसका यहां से भी मन उचट गया।

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    पहले शादी फिर तलाक

    मोटर मैकेनिक बनने के बाद परिजनों ने अबु सालिम की शादी के बारे में सोचना शुरू कर दिया। उसकी शादी निजामाबाद क्षेत्र के खुटहना गांव में कर दी गई। पति-पत्नी के बीच बहुत दिनों तक मधुर संबंध नहीं रहे और कुछ ही समय बाद दोनों में तलाक हो गया। 18 वर्ष की उम्र में अबु सालिम ने मुंबई की राह पकड़ ली और वहां अंधेरी क्षेत्र में मोटर पा‌र्ट्स की दुकान पर नौकरी करने लगा।

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    अबु सालिम से अबु सलेम

    मुंबई में काम के दौरान उसका संबंध अंडरव‌र्ल्ड माफिया दाऊद इब्राहिम के बहनोई साऊद से हुआ। साऊद के माध्यम से अबु सालिम दाउद इब्राहिम के संपर्क में आया और फिर उसके कदम जरायम की दुनिया में आगे बढ़ने लगे। अपने आका के हुक्म का पालन करते हुए वह शीघ्र ही दाऊद इब्राहिम का विश्वासपात्र ही नहीं, उसका दाहिना हाथ बन गया। फिर क्या अबु सालिम जरायम की दुनिया में अबु सलेम के नाम कुख्यात हो गया।

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    कैसेट ¨कग की हत्या व मुबंई बम ब्लास्ट

    सलेम के नाम से जनपद अक्सर सुर्खियों में आने लगा। कैसेट ¨कग गुलशन कुमार की हत्या के बाद पहली बार अबु सलेम का नाम सुर्खियों में आया। उसी समय आजमगढ़ जिला भी चर्चा में आ गया। मुंबई बम ब्लास्ट के बाद अबु सलेम की खोज अचानक तेज हो गई। इसके बाद से वह फरार था।

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    पुर्तगाल से हुई गिरफ्तारी

    मुंबई बम ब्लास्ट के बाद दाउद समेत अन्य अपराधियों की तरह अबु सलेम भी अंडर ग्राउंड हो गया। कई वर्ष बाद वह सिने तारिका मोनिका बेदी के साथ पुर्तगाल में रहने की खबर आई। उसी समय से खुफिया एजेंसिया उसके पीछे पड़ गईं। अंत में 2005 में प्रत्यर्पण संधि के जरिए उसे भारत लाया गया। उसी समय से वह जेल में बंद है। सोमवार को लखनऊ कोर्ट में पेशी के लिए उसे लाया गया था, जिसे देखने के लिए भांजा व भतीजा गए थे।