आजमगढ़ में कोडीन युक्त कफ सीरप प्रकरण में मंडल के पांच मेडिकल फर्मों का लाइसेंस निरस्त
आजमगढ़ और बलिया में कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी मामले में एफएसडीए ने बड़ी कार्रवाई की है। संतोषजनक जवाब न देने पर मंडल की पांच मेडिकल फर्मों के लाइसेंस ...और पढ़ें

यह कार्रवाई औषधि सहायक आयुक्त गोविंद गुप्ता के निर्देश पर हुई है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी के मामले में मेडिकल फर्मों के लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है। एफएसडीए(खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) ने मंडल की 11 मेडिकल फर्मों को नोटिस जारी किया था। जिसमें आजमगढ़ की चार फर्मों ने नोटिस का जवाब संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। जिसके कारण उनके लाइसेंस पहले ही निलंबित कर दिए गए थे।
अब बलिया की तीन व आजमगढ़ की दो सहित पांच मेडिकल फर्मों ने नोटिस का जवाब संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके कारण बलिया की तीन व आजमगढ़ की दो मेडिकल फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। जबकि आजमगढ़ की एक अन्य मेडिकल फर्म का लाइसेंस नोटिस के बाद संतोषजनक जवाब न मिलने पर निलंबित कर दिया गया।
सहायक आयुक्त औषधि गाेविंद गुप्ता ने बताया कि बलिया की तीन और आजमगढ़ दो फर्मोे ने तुपूदाना इंडस्ट्री एरिया हटिया रांची स्थित मेसर्स शैली ट्रेडर्स से चार लाख शीशी कोडीनयुक्त कफ सीरफ खरीदी और बेची थी।अभिलेखों की जांच में कोडीनयुक्त कफ सीरप मंगाने संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिला,जिसके आधार पर नोटिस जारी किया गया था।
इस बाबत बताया कि आजममगढ़ की पूर्वांचल मेडिकल एजेंसी ने 82 हजार व प्रभात मेडिकल स्टोर मार्टीनगंज ने एक लाख, 28 हजार और बलिया की श्री सेवाएं मेडिकल ने 79 हजार, ओम साईंं ड्रग एजेंसी ने 65 हजार, एनबी मेडिकल एजेंसी ने 46 हजार शीशी कोडीनयुक्त कफ सीरप रांची से मंगाया था।
वहीं पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन पांचों मेडिकल फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। जबकि आजगगढ़ में हर्रा की चुंगी एजेंसी ने निरीक्षण के समय लेखा-जाेखा नहीं दिया और न ही नोटिस का जवाब दिया, जिसके कारण लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। शेष चार मेडिकल फर्माे के नोटिस के जवाब का इंतजार है।

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