आजमगढ़ की बेसो नदी में कपड़े की गठरी में मिले तीन अज्ञात बच्चों के शव, क्षेत्र में मचा हड़कंप
आजमगढ़ के मार्टिनगंज क्षेत्र में वेसो नदी में तीन बच्चों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। दीदारगंज थाने की पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही। नदी में नहाने गए बच्चों ने शवों को देखा और ग्राम प्रधान को सूचित किया। शवों की पहचान नहीं हो पाई है जिससे पुलिस की चिंता बढ़ गई है।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। मार्टिनगंज क्षेत्र में रविवार को तीन बच्चों का शव बेसो नदी में बच्चों के शव मिलने के बाद सीमा विवाद में दीदारगंज थाने की पुलिस उलझी रही।
दीदारगंज थाना क्षेत्र के भादो गांव के निकट वेसो नदी में आज अपराह्न लगभग 4:00 बजे कुछ बच्चे नहाने के लिए नदी के पुल से कूदे। इस दौरान उन्हें एक कपड़े की गठरी दिखाई दी, जिसमें एक बच्चे का शव था। बच्चों ने इस बारे में ग्राम प्रधान बृजेश पाठक को सूचित किया। ग्राम प्रधान की सूचना पर दीदारगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जानकारी इकट्ठा करने लगी।
पुलिस को पता चला कि जिस किनारे पर शव मिला है, वह सोऺगर गांव, खेतासराय, जनपद जौनपुर की सीमा में आता है। इस जानकारी के बाद दोनों थानों की पुलिस सीमा विवाद में उलझ गई। इस बीच, सोगर और भादो गांव के लेखपाल भी मौके पर पहुंचे और नदी के किनारों की नापी करने लगे।
खेतासराय की पुलिस ने शव को बाहर निकाला और गठरी खोली, जिसमें तीन बच्चों के शव थे। इनमें दो लड़के और एक लड़की शामिल थे, जिनकी उम्र लगभग 8, 7 और 6 वर्ष के बीच थी। बच्चों के तन पर कोई कपड़ा नहीं था, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था। खेतासराय की पुलिस ने कुछ समय तक शव को पुल पर रखा, लेकिन पहचान नहीं हो पाई। अंततः, पुलिस ने तीनों बच्चों के शव को अपने साथ ले जाने का निर्णय लिया।
इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर चिंता और शोक का माहौल है। बच्चों की पहचान न हो पाने के कारण पुलिस की चिंता और बढ़ गई है। पुलिस ने शवों की पहचान के लिए सभी संभावित प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि आखिर यह शव कैसे नदी में एक साथ आ गए। उनको बांधकर फेंकने को लेकर क्षेत्र में तरह तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। माना जा रहा है कि बच्चे एक ही परिवार से जुड़े हो सकते हैं। संभवत: इनकी हत्या करने के बाद ही इनके शव को इस प्रकार नदी में फेंका गया होगा।
बेसो नदी के किनारे मिले तीन अज्ञात बच्चों के शव ने न केवल एक दुखद घटना को उजागर किया है, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।
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